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    Kanpur News: कानपुर में विद्युत नियामक आयोग के सामने टैरिफ 30 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव नामंजूर, गूंजे विरोध के स्वर

    कानपुर में विद्युत नियामक आयोग के समक्ष उपभोक्ताओं और व्यापारियों ने केस्को के प्रस्तावित टैरिफ वृद्धि का विरोध किया। व्यापारियों ने बिजली की दरों में वृद्धि से महंगाई और उद्योगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका जताई। उपभोक्ताओं ने बिलिंग आपूर्ति और सेवा संबंधी शिकायतें दर्ज कराईं। आयोग ने केस्को को उपभोक्ता समस्याओं के समाधान के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए।

    By ritesh dwivedi Edited By: Anurag Shukla1Updated: Wed, 09 Jul 2025 05:38 PM (IST)
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    टीएसएच सभागार में विद्युत नियामक आयोग की बैठक।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। विद्युत नियामक आयोग के सामने उपभोक्ताओं, कारोबारियों ने एक स्वर में केस्को के 18 से 40 प्रतिशत तक टैरिफ बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध किया। कारोबारियों ने आयोग के पदाधिकारियों से कहा कि टैरिफ लगाने से बिजली के रेट में कई गुणा इजाफा हो जाएगा। इससे महंगाई बढ़ने के साथ ही उद्योग भी प्रभावित होंगे।

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    प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की औद्योगिक व्यवस्था को एक ट्रिलियन करने का लक्ष्य रखा है, जबकि टैरिफ लगाने से बिजली की नौ से 10 रुपये यूनिट हो जाएंगी। जिसका असर सीधे आम आदमी की जेब पर पड़ेगा।

    बुधवार आर्य नगर स्थित टीएसएच सभागार में विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार (सेवा निवृत्त आईएएस ) की अगुवाई में टैरिफ के प्रस्तावों को लेकर उपभोक्ता और कारोबारियों से चर्चा की गई । इस दौरान अध्यक्ष के साथ ही आयोग के सदस्य सुनीत कुमार अग्रवाल, संजय कुमार सिंह और सरबजीत सिंह ढींगरा भी मौजूद रहे।

    सबसे पहले केस्को प्रबंध निदेशक सैमुअल पाल एन के द्वारा आयोग के सदस्यों का स्वागत करते हुए उनके सामने वर्ष 2023-24 और 2024-25 वित्तीय वर्ष क आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही केस्को के द्वारा उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए हेल्प डेस्क बनाने और सुधार कार्यों की जानकारी दी गई। इसके बाद आयोग के सदस्य सुनीत कुमार अग्रवाल उपभोक्ताओं से बातचीत शुरू की। इस दौरान उपभोक्ताओं और कारोबारियों ने एक साथ टैरिफ के प्रस्ताव के प्रस्ताव का विरोध करते हुए बिजली बिलिंग, आपूर्ति और सेवा से जुड़ी शिकायतें अध्यक्ष से की।

    उपभोक्ताओं ने मीटर रीडिंग, बिल सुधार, ट्रिपिंग, लोड कटौती और समय पर समाधान न मिलने जैसी समस्याएं रखीं। आइआइए के पूर्व अध्यक्ष सुनील कुमार वैश्य ने औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली सप्लाई की व्यवस्था बहुत चिंताजनक है। अभी तक जो भी दावे किए गए, उनका कोई अनुपालन केस्को की ओर से नहीं किया गया। ऊपर से टैरिफ बढ़ोत्तरी से उद्योगों को भारी नुकसान होगा।

    आइआइए के पदाधिकारी आलोक अग्रवाल ने कहा कि बिलिंग की समस्याओं में सुधार नहीं हो रहा है। नेट बिलिंग की समस्या से सबसे ज्यादा उपभोक्ता परेशान हैं। वहीं टैरिफ बढ़ोत्तरी नियमों के खिलाफ है। एल्डिको हाउसिंग सोसायटी के पदाधिकारी संदीप कुमार शुक्ल ने कहा कि सोसायटी में मल्टी प्वाइंट कनेक्शन नहीं दिए जा रहे हैं। तीन साल से लगातार शिकायतें की जा रही है, लेकिन समाधान के नाम पर केवल आश्वासन दिया जा रहा है।

    उपभोक्ता सुरेश बाजपेयी ने कहा कि तीन साल से वह अपने कनेक्शन के लिए आवेदन कर रहे हैं, लेकिन केस्को की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। एफआइटीए के पदाधिकारी उमंग अग्रवाल ने कहा कि टैरिफ में 30 से 40 प्रतिशत बढ़ोत्तरी उचित नहीं हैं। व्यापारी नेता शेष नारायण त्रिवेदी ने कहा कि पहले से ही कारोबारी बिजली कटौती से परेशान हैं। वहीं अब टैरिफ बढ़ोत्तरी कारोबारियों को कमर देगा। ऐसे में इस प्रस्ताव को तत्काल खारिज होना चाहिए।

    आयोग के अध्यक्ष अरविदं कुमार ने उपभोक्ताओं की शिकायतों को सुनने के बाद केस्को प्रबंध निदेशक कि उपभोक्ताओं की समस्याओं के निस्तारण के लिए बेहतर कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि आयोग की ओर से प्रत्येक सर्किल में उपभोक्ता फोरम गठित किए जाएं, ताकि शिकायतों का निस्तारण किया जाए।

    आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों ने स्पष्ट किया कि उपभोक्ताओं की राय को आगामी टैरिफ निर्धारण में महत्वपूर्ण आधार बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी 25 जुलाई तक सभी डिस्काम में उपभोक्ताओं से चर्चा करने के बाद निर्णय लिया जाएगा। सुनवाई में केस्को के वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और विद्युत उपभोक्ता मौजूद रहे।

    उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने लगाए गंभीर आरोप

    उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि टैरिफ का प्रस्ताव अगर मंजूर हो गया तो प्रदेश में सबसे ज्यादा केस्को में बिजली महंगी होगी। उन्होंने कहा कि केस्को ने जिन कंपनियों को काम सौंपा हैं, उनमें ज्यादातर अलग-अलग राज्यों में काली सूची में दर्ज हैं। उन्होंने मंच पर ही केस्को प्रबंध निदेशक को कंपनियों से संबंधित पत्र सौंपा। केस्को के आंकड़ों पर भी परिषद के अध्यक्ष ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह भ्रांमक हैं, इन्हें चेक करने की जरूरत है। 87 करोड़ रुपये से अधिक की केस्को में बिजली चोरी हो रही है। इसे रोकने की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए। वहीं उन्होंने कहा कि निजीकरण किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा।

    आयोग के अध्यक्ष ने यह दिए महत्पूर्ण निर्देश

    • फिक्स चार्ज खत्म करना संभव नहीं।
    • प्रत्येक सर्किल में उपभोक्ता फोरम गठित कर शिकायतों की सुनवाई हो।
    • आयोग की आनलाइन वेबसाइट में आनलाइन और आफ लाइन शिकायतें दर्ज कराई जा सकती हैं।
    • स्मार्ट मीटरिंग लगाने की रफ्तार को बढ़ाया जाए।
    • ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे दुकानदारों से अलग से कनेक्शन देने की सुविधा प्रदान की जाए।
    • औद्योगिक क्षेत्र को स्काडा से जोड़ने की व्यवस्था का प्लान तैयार किया जाए।