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    कमिश्नर बोले, भीतरगांव के सूर्य मंदिर और बेहटा के जगन्नाथ मंदिर का होगा पर्यटन विकास

    By Akash DwivediEdited By:
    Updated: Sat, 07 Nov 2020 05:04 PM (IST)

    भीतरगांव सूर्य मंदिर के बारे में अफसरों ने उन्हेंं बताया कि यह 5 वीं शताब्दी का मंदिर भारत का सबसे पुराना ईंट मंदिर माना जाता है जिसे गुप्त काल में बनाया गया था और इसमें अद्वितीय वास्तुकला और निर्माण डिजाइन को दर्शाया गया है।

    सूर्य मंदिर और बेहटा बुजुर्ग के जगन्नाथ मन्दिर का निरीक्षण किया

    कानपुर, जेएनएन। कानपुर के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों का अध्ययन करने और कानपुर की पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाने के उद्देश्य से कमिश्नर डॉक्टर राजशेखर ने भीतरगांव के सूर्य मंदिर और बेहटा बुजुर्ग के जगन्नाथ मन्दिर का निरीक्षण किया।

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    भीतरगांव सूर्य मंदिर के बारे में अफसरों ने उन्हेंं बताया कि यह 5 वीं शताब्दी का मंदिर भारत का सबसे पुराना ईंट मंदिर माना जाता है, जिसे गुप्त काल में बनाया गया था और इसमें अद्वितीय वास्तुकला और निर्माण डिजाइन को दर्शाया गया है। यह मंदिर उत्तर भारत का इस तरह का एक मात्र अनोखा मंदिर है। इस मंदिर में मासिक रूप से हजारों लोग आते हैं।

    यह स्थान एएसआई द्वारा संरक्षित है। मंडलायुक्त ने एएसआई के अधिकारियों से कहा कि पिछले 5 वर्षों में आए पर्यटकों की संख्या पर एक रिपोर्ट 30 नवंबर तक देना है, जिसमें स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या का अलग-अलग उल्लेख किया गया हो। प्रशासन आने वाले दिनों में अधिकतम पहुंच के लिए कानपुर के वार्षिक पर्यटन कैलेंडर और टूरिज्म एप में इन स्थानों को शामिल करेगा। कमिश्नर ने एएसआई के स्थानीय अधिकारियों को इन स्थानों के पर्यटन क्षमता और पर्यटकों के लिए साइट पर आवश्यक अन्य बुनियादी सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए अगले एक महीने में प्रस्ताव लाने को कहा।

    कई राजे छिपे हैं मंदिर में 

    इस मंदिर अपने में कई राज़ छिपे है, जैसे मंदिर के नाम, स्थापित मूर्ति, निर्माण की सही अवधि कार्बन डेटिंग पर आधारित है। प्रत्येक दिन इस स्थान को देखने के लिए लगभग 40 के आसपास पर्यटक आते है। मोटे तौर पर एक वर्ष में लगभग 10 से 12 हजार है पर्यटकों की संख्या। 

    मानसून की शुरूआत की करता भविष्यवाणी

    मंदिर भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) द्वारा संरक्षित है। इसी तरह जगन्नाथ मंदिर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनने की बहुत संभावना है। 4200 साल पुराना जगन्नाथ मंदिर, एक प्रसिद्ध स्थान है, जो एक अद्भुत स्थान है, जो अद्वितीय दक्षिण भारत मंदिर वास्तुकला का संयोजन रखता है और मंदिर का उत्सुक बरसाती पथर भी है जो एक सप्ताह पहले मानसून की शुरुआत की भविष्यवाणी करता है।