कानपुर: बाल श्रमिक विद्या योजना का एक साल पूरा, अब तक नहीं दिया गया किसी तरह का लाभ
श्रम विभाग में नया सवेरा योजना की तकनीकी अधिकारी अर्शी खान ने बताया कि बाल श्रमिक विद्या योजना में आठ से 18 साल के बच्चों का चयन किया गया। जिले में यह ...और पढ़ें

कानपुर, जेएनएन। पिछले साल जब कोरोना महामारी आई थी, तब मुख्यमंत्री ने 12 जून 2020 को बाल श्रमिक विद्या योजना की घोषणा कर दी थी। इस योजना के तहत उन बच्चों की सहायता की जानी थी, जिनके माता-पिता का निधन कोरोना संक्रमित होने के चलते हुआ। श्रम विभाग ने जिले के ऐसे 200 बच्चों को चिह्नित तो कर लिया, मगर योजना का एक साल पूरा होने के बावजूद किसी बच्चे को उसका लाभ अभी तक नहीं मिला। विभागीय अफसरों का कहना है, कि बजट की आस में फाइल अटकी है। शासन से बजट को लेकर पत्राचार हुआ, लेकिन नतीजा सिफर रहा।
आठ से 18 साल के बच्चों का हुआ चयन: श्रम विभाग में नया सवेरा योजना की तकनीकी अधिकारी अर्शी खान ने बताया कि बाल श्रमिक विद्या योजना में आठ से 18 साल के बच्चों का चयन किया गया। जिले में यह संख्या 200 निकली। सभी बच्चों के फार्मों का सत्यापन किया जा रहा है। अगर, बजट मिल जाए तो उन्हें फौरन राशि मुहैया करा दी जाएगी। बोलीं, हर बच्चे का स्कूल में नामांकित होना भी जरूरी है। तभी उन्हें योजना का लाभ मिल सकेगा।
लड़के को एक हजार व लड़की को मिलेंगे 1200 रुपये: बाल श्रमिक विद्या योजना के तहत लड़कों को जहां 1000 रुपये देने का नियम है, वहीं लड़कियों को 1200 रुपये दिए जाएंगे। इनमें लड़कों की संख्या, लड़कियों से ज्यादा है।
इनका ये है कहना:
जैसे ही बजट मिल जाएगा, वैसे ही लाभार्थी बच्चों को सहायता राशि दे देंगे। 200 बच्चों की सूची तैयार है। - एसपी शुक्ला, अपर श्रमायुक्त

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