बदमाशों से भिड़ गया था नंदू का दोस्त शाश्वत
ई-रिक्शा में बैठा आठ साल का आदित्य उर्फ नंदू ही नहीं, बाकी बच्चे भी साहसी थे। नंदू का दोस्त काकादेव निवासी शाश्वत अपहर्ता से भिड़ गया था।
जागरण संवाददाता, कानपुर : ई-रिक्शा में बैठा आठ साल का आदित्य उर्फ नंदू ही नहीं, बाकी बच्चे भी साहसी थे। नंदू का दोस्त काकादेव निवासी शाश्वत अपहर्ता से भिड़ गया था। उसके पेट में दो घूंसे मारे और जब अपहर्ता नंदू को खींचने लगा तो उसने नंदू का हाथ पकड़ लिया।
काकादेव स्थित शिवम ड्राई क्लीनर्स के मालिक संजीव शुक्ला का आठ साल का बेटा शाश्वत भी नंदू के क्लास में पढ़ता है। रोजाना वह उसी के ई-रिक्शा से स्कूल जाता है। शाश्वत भी नंदू के चचेरे भाइयों रुद्रांश और अक्षत की तरह घटना का चश्मदीद है। शाश्वत ने बताया कि जेके धर्मशाला के सामने बदमाशों ने रोका और पूछा नंदू कौन है। पहले मुझे नंदू समझकर उठाने लगे। इसके बाद अक्षत बोला, हम हैं नंदू तो उसे खींचने लगे। तब नंदू बोला कि मैं हूं नंदू। तब उन्होंने नंदू को बाहर खींच लिया। रिक्शा चालक ने विरोध किया तो उस पर पिस्टल तान दी। इस पर शाश्वत, रुद्रांश व अक्षत चिल्लाए। शाश्वत ने एक बदमाश के पेट में घूंसे मारे और नंदू का मजबूती से हाथ पकड़ लिया। इस पर बदमाश ने पिस्टल की बट से हमला किया। शाश्वत की पकड़ ढीली होने पर बदमाश नंदू को बाइक पर बैठाकर भाग निकले।
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सहमे कई परिवार
नंदू के साथ हुई अपहरण की वारदात से तमाम परिवार सहम गए हैं। नंदू के साथ ई रिक्शा से स्कूल जाने वाला कोई भी बच्चा मंगलवार को स्कूल नहीं गया। परिजन ने किसी को घर से बाहर नहीं निकलने दिया। जिन अभिभावकों को इस घटना का पता लगा, वह अपने लाडलों की सुरक्षा के लिए परेशान हो गए। कुछ अभिभावक खुद ही बच्चों को छोड़ने स्कूल गए।
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अब सामने आए तो गिराकर पकड़ लूंगा
अपहरण की सनसनीखेज वारदात ने परिजन का दिल दहला दिया लेकिन, आठ साल के आदित्य के चेहरे पर मुस्कान थी। हौसले से लबरेज आदित्य अपनी मां से बोला डरो नहीं, मैं ठीक हूं। मान लो मैं पिकनिक पर गया था। अब रोज स्कूल जाऊंगा और अगर अब कोई सामने आया तो गिराकर पकड़ लूंगा। उसकी बातें सुनकर सभी ने उसकी पीठ थपथपाई। दोनों बड़ी बहनों ने उसे व परिवार के बाकी बच्चों को सुरक्षा के टिप्स भी दिए।
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बहनें भी जीनियस, कई कंपटीशन जीते
आदित्य की बहनें आंचल शुक्ला और अनुष्का भी जीनियस हैं। दोनों बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में पढ़ती हैं। आंचल ने इसी साल 12वीं की परीक्षा दी है तो अनुष्का 10वीं में है। दोनों ने स्कूल और इंटर स्कूल लेवल पर होने वाली कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर स्कूल व परिवार का नाम रोशन किया है। घर की एक अलमारी उनके मेडल से सजी है।
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सबसे पहले वाइस प्रिंसिपल को किया फोन
आंचल ने कहा कि भाई के अपहरण का पता लगने के बाद सबसे पहले अपनी वाइस प्रिंसिपल मंजू शुक्ला को फोन किया था। उन्होंने ही प्रधानाचार्य व अन्य लोगों को बताया। इसके बाद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने केंद्र व प्रदेश सरकार के नेताओं तक को फोन किए जहां से स्थानीय प्रशासन व पुलिस को निर्देश आए।
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बदमाश जानते थे नंदू का पसंदीदा बिस्किट, मिलाया था नशा
आदित्य कार में खुद नहीं सोया था बल्कि उसे नशीला बिस्किट खिलाकर बेहोश किया गया था। यह बात उसने अपनी मां को बताई। उसने कहा कि बदमाशों को पता था कि मैं ओरियो बिस्किट खाता हूं। उन्होंने वही बिस्किट खिलाया। जिसके बाद उसकी आंखें बंद होने लगीं। होश आया तो ऊंचाहार में था। बदमाश किसी ऊबड़ खाबड़ रास्ते से कार ले जा रहे थे। तभी कार का पहिया पंक्चर हुआ।
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