Kanpur News: घरेलू कलह में गई मासूम की जान, दंपती की छीनाझपटी में जमीन पर गिरा बच्चा, मौत
कानपुर के सेन पश्चिमपारा थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना हुई। पति-पत्नी के बीच विवाद में दो साल के मासूम बच्चे की जान चली गई जिसके दिल में छेद था। मायके जाने को लेकर हुए झगड़े के दौरान बच्चा जमीन पर गिर गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में चोट लगने से मौत की पुष्टि हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता,कानपुर। सेनपश्चिम पारा क्षेत्र में शनिवार को दंपती के बीच हुए विवाद के दौरान छीनाझपटी में दो साल के मासूम की जमीन पर गिरकर जान चली गई। स्वजन का आरोप है कि महिला के मायके जाने को लेकर अक्सर विवाद होता रहता था। वहीं पत्नी ने पति पर बच्चे को पटककर हत्या करने का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेडइंजरी से मौत की बात सामने आई है।
सेनपश्चिम पारा थानाक्षेत्र के सिद्धार्थ नगर निवासी मनोज उर्फ मयंक सैनी सीसी कैमरे लगवाने का काम करते हैं। मनोज के पिता रामबाबू ने बताया कि तीन साल पहले मनोज की शादी दीक्षा से हुई थी। दोनों का दो साल का बेटा स्वास्तिक था। रामबाबू ने बताया कि शादी के छह महीने बाद ही बहू अक्सर मायके जाने की जिद करती थी, इसे लेकर आए दिन बेटे–बहू में विवाद होता था।
रामबाबू ने बताया कि पौत्र स्वास्तिक के दिल में जन्म से ही छेद था, जिसका छत्तीसगढ़ स्थित अस्पताल से इलाज कराने की तैयारी चल रही थी। गुरुवार को स्वास्तिक को बुखार आ गया गया था, जिसका इलाज कराने के लिए मनोज और दीक्षा अस्पताल गए थे। रामबाबू ने बताया कि अस्पताल से लौटने के दौरान बहू मायके जाने की जिद करने लगी। जिसके बाद दोनों में जमकर विवाद हो गया।
विवाद के दौरान छीनाझपटी में स्वातिक मनोज की गोद से गिर गया, जिससे उसके सिर में चोट लग गई। स्वजन ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बच्चे की मां दीक्षा ने पति पर बच्चे को पटककर हत्या करने का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर की दो हड्डियां टूटने से कोमा में जाने से मौत की पुष्टि हुई है। थाना प्रभारी कुशलपाल सिंह ने बताया कि अभी कोई तहरीर नहीं मिली है तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्जकर कार्रवाई की जायेगी।
- गुस्सा करने के दौरान सोचने समझने की क्षमता खत्म हो जाती है लेकिन बाद में पछतावा होता है। इसलिये बिना सोंचे समझे कभी तुरंत गुस्से में आकर कोई भी कदम न उठाएं। दंपती के आपसी विवाद में उनके बेटे की मौत हो गई जिसका उन्हें जीवन भर पछतावा रहेगा।
- डा.नरेश चंद्र, वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक
समय पर मिलता इलाज तो बच सकती थी मासूम की जान
मामा शोभित सैनी ने बताया कि भांजे स्वास्तिक के दिल में छेद होने के बावजूद बहनोई मयंक इलाज में लापरवाही बरत रहे थे। बहन दीक्षा दबाव बनाती तो मारपीट करते थे। आरोप है कि इलाज से तंग आकर उसने बच्चे को पटक दिया और पत्नी दीक्षा अस्पताल में भर्ती कराने की मिन्नतें करती रही, लेकिन आठ घंटे तक आरोपित मयंक ने बच्चे को कमरे में रखकर दरवाजा बंद रखा। अगर समय से इलाज मिल जाता तो बच्चे की जान बचाई जा सकती थी।
13 सितंबर को जन्मदिन था
नाना प्रभास ने बताया कि दामाद ने इलाज के लिए कई बार उनसे पैसों की मांग की, उसे रुपये भी दिए।बेटी आए दिन बताती थी कि बच्चे का पति इलाज कराने में टाल मटोल कर रहे है। जिसके बाद उन्होंने बच्चे का कई महीनों तक इलाज भी कराया। उनका आरोप है दो माह पहले बच्चे की तबीयत खराब होने पर उसे एलएलआर अस्पताल में भर्ती कराया था, जिसका पूरा खर्च उन्होंने उठाया था। रुंधे गले से बच्चे के मामा ने बताया कि 13 सिंतबर को भांजे का जन्मदिन था, मंगलवार को नागपंचमी के पर्व पर उसे घर लाने की तैयारी थी।अब उसका शव लेकर घर जाना पड़ेगा।
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