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    कानपुर के नेयवेली पावर प्लांट में काम छोड़कर भागी सीडीएन कंपनी, मजदूरों के प्रवेश पर लगी रोक

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Tue, 26 Oct 2021 11:58 AM (IST)

    घाटमपुर में लार्संस एंड टुब्रो कंपनी द्वारा कोयला आधारित नेयवेली पावर प्लांट में ब्वायलर का निर्माण कराया जा रहा है इसकी अधीनस्थ कंपनी सीडीएन काम छोड़कर भाग गई है। अब मजदूरों का प्रवेश प्रतिबंधित किए जाने पर हंगामा खड़ा हो गया है।

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    मजदूरों का वेतन दिए बिना चली गई सीडीएन कंपनी।

    कानपुर, जागरण संवाददाता। घाटमपुर में नेयवेली पावर प्लांट में ब्वायलर का निर्माण करा रही एलएंडटी (लार्संस एंड टुब्रो) की अधीनस्थ कंपनी सीडीएन के मजदूरों का प्रवेश प्रतिबंधित करने पर हंगामा खड़ा हो गया है। कंपनी का कई महीनों से अपने कर्मचारियों से बकाया वेतन और फाइनल डिमांड को लेकर विवाद चल रहा था। मजदूरों का कहना है कि सीडीएन अपना काम छोड़कर भाग गई है, वहीं कंपनी के अधिकारी इस बारे में बात करने से बच रहे हैं।

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    मजदूरों का कहना है कि एक समय सीडीएन कंपनी में करीब 450 मजदूर काम करते थे। मजदूरों को महीने के वेतन के अलावा कई तरह के भत्ते मिलते हैं, जिन्हें फाइनल डिमांड कहा जाता है। सीडीएन ने अपने मजदूरों का वेतन रोका और डिमांड नहीं दिया। विरोध करने पर करीब 250 मजदूरों को वेतन और कुछ डिमांड का रुपया देकर निकाल दिया गया। करीब 200 मजदूर अभी भी काम कर रहे थे। इन मजदूरों का भी करीब दो महीने का वेतन और फाइनल डिमांड बकाया है।

    मजदूरों का कहना है कि पिछले तीन चार दिनों से प्लांट में सीडीएन कंपनी के अधिकारी दिखना बंद हो गए। इसके बाद से सीडीएन के मजदूरों-कर्मचारियों को गेट के अंदर घुसने से रोक दिया गया। मजदूरों का कहना है कि कंपनी काम छोड़कर भाग गई है और उनको सही जानकारी नहीं दी जा रही है। दीपावली का त्योहार नजदीक है ऐसे में उनको महीनों से वेतन नहीं मिला है। इसके चलते उनका त्योहार खराब हो गया। एनयूपीपीएल संविदा कामगार यूनियन के महामंत्री अमित मिश्र का कहना है कि श्रम विभाग के अधिकारियों से कई बार शिकायत के बाद भी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूरी की गई। इस लापरवाही के नतीजतन मजदूरों को परिवार पालना मुश्किल हो रहा है।

    जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी : इस मामले में जब एलएंडटी के एजीएम देबू घोष से बात करने की कोशिश की गई तो पहले उन्होंने कहा कि वे मीटिंग में हैं, निकलकर काल करेंगे। इसके कुछ समय बाद जब फिर काल की गई तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। व्हाट्सअप पर भेजे गए मैसेज को देखने के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया। वहीं, घाटमपुर एसडीएम का फोन नेटवर्क एरिया से बाहर बताता रहा।