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    Ayodhya Structure Demolition Case: कानपुर के प्रकाश शर्मा भी केस में हैं शामिल, सीबीआइ ने किया था गिरफ्तार

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Wed, 30 Sep 2020 10:45 AM (IST)

    Ayodhya Demolition Verdict प्रकाश शर्म उस समय बजरंग दल अवध संभाग संयोजक थे अयोध्या विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई ने उन्हें आठ अप्रैल 1993 को गिरफ्तार किया था और वह 13 दिन बाद जेल से छूटकर बाहर आए थे।

    अयोध्या विवादित ढांचा विध्वंस मामले में शामिल प्रकाश शर्मा।

    कानपुर, जेएनएन। 28 साल बाद सीबीआई की विशेष कोर्ट अयोध्या विवादित ढांचा विध्वंस मामले में फैसला सुनाने जा रही है, उसमें कानपुर के प्रकाश शर्मा भी शामिल हैं। उन्हें आठ अप्रैल 1993 को सीबीआई ने गिरफ्तार करके जेल भेजा था और वह 13 दिन बाद रिहा हुए थे। राम मंदिर आंदोलन के दौरान जिस समय गतिविधियां चरम पर थीं, बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक रहे प्रकाश शर्मा अवध संभाग के संयोजक थे। दिसंबर 1992 में उनकी टीम के पास कारसेवकपुरम व रामकथा कुंज की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी।

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    बजरंग दल के 2002 से 2011 के बीच राष्ट्रीय संयोजक रहे प्रकाश शर्मा का श्रीराम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन के समय नियमित रूप से अयोध्या जाना होता था। सात अक्टूबर 1984 को बजरंग दल के गठन के समय वह वार्ड संयोजक बने। 1992 में वह अवध संभाग संयोजक थे। कानपुर में बजरंग दल की बड़ी टीम थी, इसलिए यहां के लोगों को तुरंत बुलाया जाता था। 1992 में वह दो दिसंबर को अयोध्या पहुंच गए थे। वहां कारसेवकपुरम् और रामकथा कुंज की सुरक्षा कानपुर के बजरंग दल कार्यकर्ताओं के हाथ में थी।

    रामकथा कुंज मेंं बड़े नेताओं के बैठने के लिए मंच बना था। इससे पहले कानपुर की टीम 1989 में शिलान्यास स्थल की सुरक्षा कर चुकी थी। 11 नवंबर 1989 को सरयू से अमावां मंदिर जाते समय संतों के साथ वह गिरफ्तार हुए थे। 1988 में वह आठ दिन व 1991 मेें तीन दिन के लिए गिरफ्तार हुए थे। विवादित ढांचा ढहने के बाद उनकी पहली गिरफ्तारी 24 जनवरी को कानपुर में एसपी कमल सक्सेना के शिविर कार्यालय से हुई थी। वह उनसे मिलने गए थे और वहीं गिरफ्तार कर लिए गए थे। विवादित ढांचा मामले में सीबीआइ ने आठ अप्रैल 1993 को गिरफ्तार किया था जिसमें उन्हें 20 अप्रैल 1993 को छोड़ गया था।