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    बैंक खातों में करोड़ों की हेरफेर: कई नंबरों का यूज करता था मास्टरमांइड हर्ष, ठगी के धंधे से कनेक्शन की आशंका

    By Jagran NewsEdited By: Shivam Yadav
    Updated: Fri, 06 Jan 2023 05:26 PM (IST)

    क्राइम ब्रांच की जांच में यह नया तथ्य सामने आया है जिसके बाद पुलिस भी मान रही है कि गिरोह आनलाइन ठगी के धंधे में लगा हुआ था। वहीं इस मामले में संलिप्त एक और व्यक्ति का नाम भी प्रकाश में आया है।

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    पुलिस दोनों में से किसी को गिरफ्तार करने सफल नहीं हुई है।

    कानपुर, जागरण संवाददाता: दोस्तों से बैंक खाता खुलवाकर उनमें करोड़ों की हेराफेरी करने वाला हर्ष कटियार एक साथ कई मोबाइल नंबरों का प्रयोग कर रहा था। क्राइम ब्रांच की जांच में यह नया तथ्य सामने आया है, जिसके बाद पुलिस भी मान रही है कि गिरोह आनलाइन ठगी के धंधे में लगा हुआ था। वहीं इस मामले में संलिप्त एक और व्यक्ति का नाम भी प्रकाश में आया है। हालांकि, पुलिस दोनों में से किसी को गिरफ्तार करने सफल नहीं हुई है, जिसकी वजह से जांच का दायरा आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

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    शास्त्री नगर निवासी 22 वर्षीय हर्ष कटियार पुत्र दीपक कटियार के खिलाफ काकादेव थाने में धोखाधड़ी की धाराओं में एक मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोप है कि हर्ष ने बैंक में नौकरी लगने की झूठी सूचना देकर अपने दोस्तों से तमाम बैंकों में खाते खुलवाए। खाते खुलवाने के लिए उसने लालच भी दिया। उसके बहकावे में आकर दोस्तों व मोहल्ले में रहने वाले कम उम्र के युवकों के नाम से कई बैंकों में चार-चार खाते खाेल दिए गए।

    कई खाते फ्रीज मिले, ऑनलाइन ठगी का अंदेशा

    करीब बीस दिन पहले मामला प्रकाश में तब आया, जब मोहम्मद कायम नाम एक युवक के पिता के पास बैंक से एक महीने में आठ लाख रुपये के लेनदेन की खबर पहुंची। तब जाकर सामने आया कि हर्ष ने मोहल्ले के कई दोस्तों व अन्य से ऐसे खाते खुलवाए हैं और हर खाते से लाखों का लेनदेन हुआ। यह पैसा कहां से आया और कहां गया, पुलिस इसकी जांच कर रही है। चूंकि पहले से कई खाते फ्रीज मिले हैं, इसलिए ऑनलाइन ठगी का अंदेशा है।

    डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल से बताया कि आरोपी हर्ष कटियार का एक मोबाइल नंबर मिला था। उसके आधार पर सीडीआर रिपोर्ट निकाली गई। मोबाइल की आइपी एड्रेस से जानकारी सामने आई कि हर्ष जिस मोबाइल का प्रयोग कर रहा था, उसमें पिछले दो महीनों में नौ सिमों का प्रयोग किया गया। अमूमन ऐसा काम आनलाइन ठगी का प्रयोग करने वाले लोग ही करते हैं।