सावधान, जीएसटी का वार्षिक रिटर्न बढ़ा, वैट का नहीं
जीएसटी का वार्षिक रिटर्न 31 दिसंबर से 31 मार्च हो जाने से लापरवाह हो गए कारोबारियों को सावधान हो जाना चाहिए। जीएसटी के वार्षिक रिटर्न की तारीख बढ़ी है, वैट की नहीं।
जागरण संवाददाता, कानपुर : जीएसटी का वार्षिक रिटर्न 31 दिसंबर से 31 मार्च हो जाने से लापरवाह हो गए कारोबारियों को सावधान हो जाना चाहिए। जीएसटी के वार्षिक रिटर्न की तारीख बढ़ी है, वैट की नहीं। अगले 10 दिन में वैट का वार्षिक रिटर्न फाइल न करने वाले कारोबारियों को 10 हजार रुपये जुर्माना के चुकाने के लिए भी तैयार हो जाना चाहिए।
वैट और जीएसटी के वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर कर दी गई थी। बाद में जीएसटी के वार्षिक रिटर्न की तारीख 31 मार्च तक बढ़ा दी गई, लेकिन वैट का वार्षिक रिटर्न अब भी 31 दिसंबर तक फाइल करना है। इसके साथ सीए की आडिट रिपोर्ट भी देनी है। वैट आडिट में फार्म 52, फार्म 52ए, 52बी फाइल करने हैं। प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों से खरीद-बिक्री करने वाले या उत्पादकों को फार्म 52 फाइल करना है। प्रदेश के अंदर ही खरीद बिक्री करने वालों को फार्म 52ए भरना है। वे उत्पादक नहीं होने चाहिए। फार्म 52बी उन ठेकेदारों के लिए है जो कांट्रेक्ट के तहत निर्माण करते हैं।
फार्म 52 में कारोबारियों को खरीद की जानकारी देनी होगी। दूसरे देश से कितना आयात किया, यह बताना होगा। छूट पर जो माल खरीदा है, उसका भी विवरण भरना होगा। खरीद में उस माल के बारे में बताना होगा, जिसे अपने पास न मंगाकर सीधे खरीदार को भिजवा दिया गया हो। कितना निर्यात किया गया है। कितनी बिक्री राज्य में है और कितनी राज्य के बाहर, इसकी भी जानकारी देनी है।
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कारोबारियों को इस रिटर्न के संबंध में लापरवाही नहीं करनी चाहिए। 31 दिसंबर तक रिटर्न न भरने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लग जाएगा।
- शिवम ओमर, चार्टर्ड अकाउंटेंट।