दिवाली पर आंखों को नुकसान पहुंचा रहे कार्बाइड वाले पटाखे, अकेले कानपुर में 22 को हुई इंजरी; एक मरीज की कार्निया फटी
कानपुर में कार्बाइड वाले पटाखों से आंखों को होने वाले नुकसान के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अकेले कानपुर में 22 लोगों को आंखों में चोटें आई हैं, जिनमें एक मरीज की कार्निया फट गई है। कार्बाइड वाले पटाखे आंखों के लिए बेहद खतरनाक होते हैं और इनसे गंभीर नुकसान हो सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

लाला लाजपत राय चिकित्सालय की ओपीडी में आंख में बारूद जाने से हुए कार्निया अल्सर की जांच करतीं वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. शालिनी मोहन।
जागरण संवाददाता, कानपुर। दीपावली त्योहार में जीएसवीएम मेडिकल कालेज के नेत्र रोग विभाग में कार्नियल इंजरी के 22 मामले अभी तक पहुंच चुके हैं। सभी मामले पटाखों के बारूद के आंख में जाने से हुए हैं।
इसमें फतेहपुर के रहने वाले युवक की कार्निया बाजार में दीपावली के समय नए पटाखे के रूप में सामने आए कार्बाइड के धमाके से फट गई है। जिसकी सर्जरी नेत्र रोग विभाग में मंगलवार को की गई।
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ शालिनी मोहन ने बताया कि कार्बाइड वाले पटाखे आंख के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं। इस पटाखे में कार्बाइड में पानी डालने से बनने वाली गैस में लाइटर से अचानक धमाका हो रहा है। जो कई मामलों में अधिक गैस के दबाव के कारण फट रहा है। जो आपको गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है।
अभी तक सामने आए 22 मामलों में ज्यादातर कॉर्निया इंजरी के मामले कार्बाइड वाले पटाखे के ही मिले हैं। लगभग सभी मामलों में बारूद और कार्बाइड जाने से आंख का काला मोतिया सफेद पड़ रहा है। कई मरीजों में ये कार्निया अल्सर बन रहा है। उन्होंने बताया कि फतेहपुर के जिस युवक की कहानी कार्बोनेट पटाखे से फटी है।
उसकी सर्जरी कर दी गई है। दो और ऐसे मामले हैं, जिनकी कल सर्जरी की जाएगी। मंगलवार को हुई ओपीडी में अभी करीब 40 मरीज ऐसे पहुंचे जिनके आंख में बारूद मिला। ऐसे मरीज आंख में लालपन, आंसू आना और जलन की शिकायत लेकर ओपीडी पहुंचे थे।
कार्बाइड वाला पटाखा खूब बाजारों में बिका
दीपावली के कुछ दिनों पहले ही बाजार में कार्बाइड वाले पटाखे की धूम रही। इसे खरीदने के लिए बड़ी संख्या में लोग बाजार में पहुंचे। और दीपावली में यह पटाखा का कई लोगों की आपको नुकसान पहुंच चुका है। विशेषज्ञों के मुताबिक कार्बाइड पानी के साथ रिएक्ट करके जलन सील गैस एसिटिलीन बनता है। जो लाइटर से चिंगारी देने पर तेज धमाके के साथ प्रज्वलित होता है। कई मामलों में कार्बाइड और पानी की अधिक मात्रा से गैस अधिक मात्रा में बन जाती है और यह कार्बाइड वाला पटाखा फट जाता है। जो आंख चेहरे के लिए घातक साबित हो रहा है।
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