गर्लफ्रेंड को गिफ्ट देने के लिए लूटी कार, बेच नहीं पाया
गर्लफ्रेंड को महंगा गिफ्ट देने और मौज मस्ती के लिए पैसे जुटाने के लिए दिया घटना को अंजाम।

जासं, कानपुर : गर्लफ्रेंड को महंगा गिफ्ट देने और मौज मस्ती के लिए पैसे जुटाने के लिए कन्नौज के 21 वर्षीय युवक हिमांशु व उसके दोस्त ने चालक की हत्या व कार लूट की वारदात को अंजाम दे दिया था। आरोपित ने बताया कि दो वर्ष पूर्व मेरठ के जागृति विहार निवासी युवती से फेसबुक पर दोस्ती हुई थी। युवती झांसी में पढ़ती थी। कुछ समय बाद दोनों मिलने लगे। इन दिनों युवती की आनलाइन पढ़ाई हो रही है, इसलिए उससे मिलने मेरठ गया था। सोचा था कि गर्लफ्रेंड को गिफ्ट दूंगा और घूमने जाऊंगा। रकम का इंतजाम न होने पर कार लूटने की योजना बनाई। मोहल्ले के दोस्त एसी-फ्रिज मैकेनिक सौरभ सोनी को साथ लिया। वारदात के बाद कार बेचने के लिए दिल्ली व मेरठ के डीलरों से संपर्क किया, लेकिन कार दूसरे के नाम होने से नहीं बिकी।
गुमराह करता रहा आरोपित, बोला, मैं तो दिल्ली में हूं.
हिमांशु ने पहले कार बुकिग ओला साइट से कराई, लेकिन सचिन ने बुकिग कैंसिल कर दी। तब आरोपित ने चालक दीपक को फोन कर सीधे कार बुक की। दीपक ने आरोपित के आधार कार्ड की फोटो सचिन को भेजी थी। दीपक का फोन बंद होने पर सचिन ने यह फोटो पुलिस को दी। पुलिस ने आधार पर लिखे नंबर पर हिमांशु से संपर्क किया तो वह गुमराह करता रहा। उसने कहा कि दिल्ली में हूं, चालक हमें छोड़कर 29 की सुबह चला गया था। सर्विलांस से पता लगा कि 29 जून को हिमांशु मेरठ में था। तब पुलिस ने आरोपितों को बहाने से बुलाकर दबोच लिया।
युवती के चक्कर में जेल भी जा चुका शातिर : जिस युवती से मिलने हिमांशु मेरठ गया था, उसके चक्कर में एक वर्ष पूर्व जेल जा चुका है। दरअसल, हिमांशु युवती को झांसी से कानपुर ले आया था। दोनों घंटाघर के होटल पर रुके। युवती के स्वजन झांसी पहुंचे तो बेटी को न पाकर फोन किया। युवती ने अपहरण होने की बात कही तो स्वजन ने झांसी में मुकदमा लिखा दिया और पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
परिवार का अकेला सहारा था दीपक : चालक दीपक परिवार का अकेला सहारा था। पिता अमरनाथ का देहांत हो चुका है। परिवार में मां कांति देवी और शादीशुदा दो बहनें अंजू व मंजू हैं। पूर्व में दीपक टेंपो चलाता था। कुछ माह पहले ही सचिन की कार चलाने लगा।
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