हैलट में दो दिन होगी कैंसर की सर्जरी
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल के सर्जरी विभाग में कैंसर के ऑपरेशन अब दो दिन हांगे। ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कानपुर : जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल के सर्जरी विभाग में कैंसर पीड़ितों की ऑपरेशन के लिए वेटिग चल रही है। इस वजह से मरीजों को परेशानी होती है। हैलट ओपीडी में कैंसर की सुपर स्पेशियलिटी क्लीनिक चलाने वाले विशेषज्ञ ने समस्या से विभागाध्यक्ष एवं प्राचार्य को अवगत कराया था। इस पर प्राचार्य ने मरीज हित में दो दिन कैंसर सर्जरी के लिए ऑपरेशन थियेटर चलाने के आदेश दे दिए हैं।
कोरोना काल के बाद से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर को लेकर मारामारी मची है। सर्जरी विभाग में 20 कंसल्टेंट हैं, जबकि एनस्थेसिया विभाग ने पांच ऑपरेशन थियेटर चलाने की अनुमति प्रदान की है। इसमें एक दिन कैंसर सर्जन डॉ. मोहम्मद अतहर को दिया गया है। इस समस्या से डॉ. अतहर ने प्राचार्य को अवगत कराया। उनका कहना था कि एक दिन ओटी मिल रही है, जबकि कैंसर मरीजों की सर्जरी के लिए लंबी वेटिग चल रही है। इस पर प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने एनस्थेसिया विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल वर्मा से बात की। उन्होंने कंसल्टेंट की समस्या बताई। इसके बाद प्राचार्य ने जेके कैंसर के निदेशक डॉ. एसएन प्रसाद से बात की। जेके कैंसर संस्थान में सर्जरी न होने की वजह से दो कंसल्टेंट पूरी तरह खाली थे। अब उनकी मदद से हैलट में सर्जरी की जाएगी।
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जेके कैंसर संस्थान के एनस्थेटिक्स हैलट में कैंसर की सर्जरी कराएंगे। इसके लिए वहां के निदेशक से बात हो गई है। अब हैलट में सप्ताह में दो दिन कैंसर की सर्जरी होगी।
- प्रो. आरबी कमल, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।
जेआर के भरोसे इलाज, एसआर कर रहे मौज
जागरण संवाददाता, कानपुर : हैलट अस्पताल की इमरजेंसी में आए दिन होने वाले हंगामे को देखते हुए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने मंगलवार सुबह हैलट इमरजेंसी का औचक निरीक्षण किया। इमरजेंसी में सर्जरी यूनिट गए तो वहां कंसल्टेंट से लेकर सीनियर रेजीडेंट गायब मिले। जब उन्होंने ऑन कॉल ड्यूटी का रजिस्टर देखा तो न ही कंसल्टेंट और न ही एसआर के हस्ताक्षर मिले। हैलट इमरजेंसी सुबह से लेकर देर रात तक पूरी तरह से जूनियर रेजीडेंट के हवाले ही रहती है।
प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने बताया कि सर्जरी विभाग में आठ सीनियर रेजीडेंट हैं, लेकिन एक भी इमरजेंसी ड्यूटी पर नहीं मिलता है। इसकी हकीकत परखने के लिए सुबह गए तो कोई नहीं मिला। उपस्थिति रजिस्टर पर भी सिर्फ डॉ. मोहम्मद अतहर के हस्ताक्षर मिले। उसके अलावा किसी के हस्ताक्षर नहीं थे। न ही कभी कोई राउंड लेने आता है, जबकि सर्जरी विभाग में 20 कंसल्टेंट हैं। इसको लेकर प्राचार्य ने सर्जरी के विभागाध्यक्ष को पत्र लिखा है। व्यवस्था में सुधार के निर्देश भी दिए हैं।

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