जीएसटी का नियम, अगर माल निकल गया तो निरस्त नहीं होगा ई-इनवाइस
कारोबारियों को सुविधा के साथ एक परेशानी भी सामने आ रही है इसमें ई-इनवाइस 24 घंटे के अंदर निरस्त हो सकती है बस माल न भेजा गया हो। वहीं ई-इनवाइस या ई-वे बिल गलत होने पर बाद डेबिट या क्रेडिट नोट भी देना पड़ा है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। ई-इनवाइस कारोबारियों के लिए है तो सुविधाजनक क्योंकि इसमें बिल जेनरेट करने के बाद उन्हें जीएसटीआर 1 में उसे अपलोड नहीं करना पड़ता है लेकिन एक परेशानी भी है, अगर कोई ई-इनवाइस गलत हो गई और माल निकल चुका है तो उसे निरस्त नहीं किया जा सकता। इन हालात में कारोबारियों को डेबिट या क्रेडिट नोट जारी करना पड़ रहा है।
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में 50 करोड़ के बाद अब एक अप्रैल से 20 करोड़ या इससे अधिक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को अपनी सभी बिक्री ई-इनवाइस पर करनी होगी। ई-इनवाइस में कारोबारियों के सामने एक समस्या भी है कि अगर कोई ई-इनवायस गलत बन गई है तो उसे निरस्त करने में कई तरह की परेशानियां हैं। जीएसटी में ई-इनवाइस में यह व्यवस्था है कि अगर ई-इनवाइस गलत बन गई है और माल को कारोबारी ने भेजा नहीं है तो वह 24 घंटे के अंदर ई-इनवायस को निरस्त कर सकता है। यदि कारोबारी ने माल का ई-वे बिल भी जेनरेट कर दिया है तब भी वह ई-वे बिल भी 24 घंटे के अंदर निरस्त हो सकता है। मगर यदि माल रवाना कर दिया गया है तो उस तब न तो टैक्स इनवायस रद की जा सकती है और न ही ई-वे बिल।
कारोबारी को यदि इस मामले में किसी तरह की गड़बड़ी बाद में पकड़ में आती है तो वह इसे डेबिट नोट या क्रेडिट नोट के जरिए उसका सुधार कर सकता है। थोक कारोबारी रोशन गुप्ता के मुताबिक ई-इनवाइस के दायरे में आने वाले कारोबारी को यही काटनी हैं, ऐसे में किसी इनवाइस में गलती होना कोई बड़ी बात नहीं है, यह मानवीय चूक है लेकिन इसके लिए बाद में डेबिट-क्रेडिट नोट जारी करने की बाध्यता है जो लिखापढ़ी को और बढ़ा देती है।
-ई-इनवाइस जारी करते समय ज्यादा सावधानी बरतें। इसमें किसी भी तरह की गलती करने पर यदि माल भेज दिया गया है तो लिखा-पढ़ी ज्यादा बढ़ जाती है। -संतोष गुप्ता, टैक्स सलाहकार।
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