अगर सालाना 10 करोड़ का टर्नओवर है तो जरूर जान लें आयकर विभाग का नया नियम, जुलाई से होगा लागू
आयकर विभाग ने दस करोड़ का टर्नओवर करने वाले खरीदार दुकानदार पर नई जिम्मेदारी डाली है। विभाग का नया नियम एक जुलाई से प्रभावी हो जाएगा । इसमें अब विक्रेता को टीडीएस काटकर भुगतान करना जरूरी होगा ।

कानपुर, [राजीव सक्सेना]। अब सभी तरह की बड़ी खरीद-बिक्री की जानकारी रखने के लिए आयकर विभाग एक जुलाई 2021 से टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (टीडीएस) का नया नियम लागू कर रहा है। इसमें खरीदार दुकानदार पर यह जिम्मेदारी होगी कि वह विक्रेता को भुगतान करते समय 0.10 फीसद की दर से टीडीएस कटौती करके उसे सरकार के राजस्व में जमा करे। टीडीएस नहीं काटने या काट कर जमा न करने पर आयकर विभाग उस कारोबारी के 30 फीसद खर्च अस्वीकृत कर सकता है। इससे कारोबारी की आय बढऩे से उसे उसपर भी टैक्स देना पड़ सकता है।
पिछले वर्ष आयकर विभाग ने विक्रेता पर नियम लागू किया था, जिसमें कहा गया था कि जिस विक्रेता ने वर्ष में 50 लाख रुपये से अधिक किसी कारोबारी को माल बेचा है, तो वह उसपर 0.10 फीसद टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (टीसीएस) काटेगा। अब क्रेता को भी इसके दायरे में लाया गया है। बजट में यह नई धारा जोड़ी गई है। इसमें शर्त है कि यदि खरीदार दुकानदार का टर्नओवर 10 करोड़ रुपये का है और वह किसी एक कारोबारी से एक वित्तीय वर्ष में 50 लाख रुपये या उससे अधिक की खरीदारी करता है तो भुगतान करते समय टीडीएस की राशि काटकर आयकर विभाग में जमा करेगा।
ऐसा न करने पर उसका 30 फीसदी खर्च स्वीकृत नहीं होगा। उसे आय मानकर उससे टैक्स वसूला जाएगा। इससे खरीदारों का संकट बढ़ जाएगा। यदि किसी मामले में विक्रेता भी टीसीएस काटने की स्थिति में है और क्रेता टीडीएस काटने के दायरे में है तो सिर्फ क्रेता को ही टीडीएस काटकर जमा करना होगा। इस नई व्यवस्था से आयकर को बड़ी खरीद और बिक्री की आसानी से जानकारी मिल जाएगी।
- सरकार कारोबारी लेनदेन पर प्रभावी नियंत्रण के लिए टीडीएस का जो कानून ला रही है, जो उचित है। वहीं, टीडीएस जमा न करने पर खर्च को स्वीकृत न करना ठीक नहीं है। टीडीएस की कटौती न करने पर वह राशि ब्याज समेत वसूलने के नियम पहले से हैं। इसमें दंड की व्यवस्था भी है। -संतोष कुमार गुप्ता, टैक्स सलाहकार।
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