Halal Ban: कानपुर में हलाल प्रमाणित उत्पादों का है बड़ा बाजार, मुस्लिम देशों में होता है निर्यात; आज से चलेगा अभियान
शहर में हलाल प्रमाणित उत्पादों का बड़ा बाजार है। यहां से कई उत्पाद विदेशों विशेषकर मुस्लिम देशों में निर्यात होते हैं। इस कारण कुछ कारोबारी मजबूरी में ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कानपुर। शहर में हलाल प्रमाणित उत्पादों का बड़ा बाजार है। यहां से कई उत्पाद विदेशों विशेषकर मुस्लिम देशों में निर्यात होते हैं। इस कारण कुछ कारोबारी मजबूरी में भ्रम में फंस गए। खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। फिर भी अपने उत्पादों के विक्रय के चक्कर में कारोबारी झांसे में आ गए।
अब इन उत्पादों पर रोक लगने के कारण करोड़ों का नुकसान सहना होगा। अब सोमवार से इस मामले में अभियान चलेगा और 21 खाद्य सुरक्षा अधिकारी बाजारों में वस्तुओं की जांच करेंगे। हलाल प्रमाणित उत्पादों पर शनिवार को रोक का आदेश होने के बाद इस बात को लेकर दिनभर शहर में चर्चा रही।
ज्यादातर लोग हलाल का मतलब बकरे का गला रेतने के बाद खून निकलने पर खाने के लिए मांस तैयार करना मानते हैं। दरअसल हलाल एक अरबी शब्द है। इसका अर्थ कानून सम्मत या जिसकी इजाजत इस्लामिक कानून (शरीयत) से है। इसलिए कुछ कंपनियां खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम में इसका प्रविधान न होने के बावजूद उत्पादों को प्रमाणित करने लगीं।
रोक के बाद सक्रिय हुए खाद्य सुरक्षा विभाग एवं औषधि प्रशासन को मिले इनपुट से पता चला है कि शहर में हलाल प्रमाणित उत्पादों का बड़ा बाजार है। कुछ कारोबारी प्रविधान न होने पर भी इसके झांसे में आ गए।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त विजय प्रताप सिंह का कहना है कि रोक लगने के कारण अब हलाल प्रमाणित उत्पादों के उत्पादन, बिक्री और भंडारण को रोका जाएगा। अगर कोई दुकानदार बिक्री करते या कोई कारोबारी उत्पादन करते मिला तो उस पर कार्रवाई होगी।
ऐसी दवाओं की बिक्री भी रोकी जाएगी। इतना ही नहीं खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग सोमवार से हलाल प्रमाणित उत्पादों को जब्त करने का अभियान चलाएगा। इसके लिए सभी 21 खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) अपने क्षेत्रों के बाजारों में चेकिंग करेंगे। हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री पर रोक के आदेश का अनुपालन कराया जाएगा।
विभाग को आशंका है कि हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री मुस्लिम क्षेत्रों में हो सकती है। हालांकि रोक के बाद ज्यादातर दुकानदारों ने कार्रवाई के डर से यह उत्पाद हटा दिए हैं। फिर भी मुस्लिम क्षेत्रों में चेकिंग पर ज्यादा जोर रहेगा। कई दवाओं पर भी हलाल लिखे जाने के कारण मेडिकल स्टोरों पर चेकिंग की जाएगी।

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