Kanpur में बीडीओ द्वारा रुपये लेते Video Viral, गिन रहे रुपये, सीडीओ ने बैठाई जांच
कानपुर के बिधनू ब्लाक में पूर्व खंड विकास अधिकारी का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे एक युवक से पैसे ले रहे हैं। मुख्य विकास अधिकारी ने मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की है। ब्लाक प्रमुख के अनुसार यह वीडियो एक षड्यंत्र है जो छह महीने पहले मौरंग से लदे डंपर से ब्लॉक गेट टूटने के बाद हुए समझौते से संबंधित है।

संवाद सहयोगी, जागरण, बिधनू (कानपुर)। कानपुर के बिधनू ब्लाक में पूर्व खंड विकास अधिकारी द्वारा एक युवक से रुपये लेते वीडियो इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हो रह है। इसमें बीडीओ रुपये गिनते नजर आ रहे हैं। अब इस मामले में सीडीओ ने जांच समिति गठित की है।
वीडियो में बगल की कुर्सी में ब्लाक प्रमुख भी बैठे हुए हैं। प्रचलित वीडियो को षड्यंत्र बताते हुए ब्लाक प्रमुख ने छह माह पहले मौरंग लदे डंपर से ब्लाक का गेट टूटने पर समझौता होने की बात कही है। इंटरनेट मीडिया पर रविवार को इस वीडियो को प्रचलित किया गया। जिसमें पूर्व खंड विकास अधिकारी सच्चितानन्द मिश्रा को एक युवक से 45 हजार रुपये लेते दिखाया गया है। सच्चितानन्द बीती 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
वीडियो प्रचलित होने के बाद मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन ने दो सदस्यीय जांच टीम गठित कर वीडियो की सच्चाई की पड़ताल शुरू कराई है। ब्लाक प्रमुख अरुण कुमार कोरी ने बताया कि बीती 23 फरवरी को निर्माण कार्य के लिए ब्लाक में मौरंग मंगाई गई थी। चालक ने परिसर में डंपर से मौरंग गिरा दी। इसके बाद लापरवाही से डंपर से ब्लाक गेट को टक्कर मार कर भाग गया। जिससे पूरा गेट गिर क्षतिग्रस्त हो गया। जानकारी पर खंड विकास अधिकारी ने थाना पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के जरिये नंबर के आधार पर डंपर को चालक समेत पकड़ लिया। जिसपर डंपर मालिक बर्रा निवासी प्रभात सिंह ने पुलिस कार्रवाई की जगह गेट निर्माण कार्य का खर्च देने की बात कही। जिसपर निर्माण कार्य के आकलन के बाद 45 हजार पर समझौता हुआ। समझौते के आधार पर 24 फरवरी को मालिम प्रभात सिंह मित्र विनय के साथ बीडीओ कक्ष में रुपये देने आए। जहां वह भी मौजूद थे। उनके सामने विनय ने पहले 40 हजार फिर चालक से पांच हजार रुपये और दिलाये। जिन्हें पूर्व बीडीओ सच्चितानन्द ने गिने। जिसके बाद गेट का निर्माण भी कराया गया। उन्होंने बताया कि इस वीडियो को डंपर मालिक प्रभात सिंह ने ही बनाया है। छवि धूमिल करने के लिए षड्यंत्र के तहत इस वीडियो को गलत तरीके से प्रचलित किया गया है।
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