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    एलएलआर में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के परिचित मरीज को 'बेचने' का प्रयास, जांच में डाक्टर का एजेंट चिह्नित

    By Abhishek VermaEdited By:
    Updated: Fri, 01 Apr 2022 01:52 PM (IST)

    सतीश महाना के परिचय से अस्पताल के सर्जरी विभाग के वार्ड एक में मरीज था। यहां उसे निजी अस्पताल में बेहतर इलाज कराने का झांसा दिया है। मामले की जानकारी सतीश महाना को हुई तो आनन-फानन में जांच शुरू हो गई है।

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    कानपुर के एलएलआर अस्पताल में मामला सामने आया है।

    कानपुर, जागरण संवाददाता। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल (हैलट) में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के परिचित मरीज को निजी अस्पताल में बेचने का प्रयास किया गया। विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत हुई तो उन्होंने फोन कर इस प्रकरण से अवगत कराया। उनका फोन आते ही खलबली मच गई। न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष ने आनन-फानन जांच कराई, जिसमें डाक्टर के एजेंट को चिह्नित कर लिया, जो डबल पुलिया स्थित निजी अस्पताल में कार्यरत है। खुद को डाक्टर बताकर निजी अस्पताल में बेहतर इलाज मुहैया कराने का झांसा दे रहा था।

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    एलएलआर अस्पताल में पांच दिन पहले हेड इंजरी के मरीज को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. मनीष सिंह को फोन करके भर्ती कराया था। न्यूरो सर्जरी विभाग में बेड खाली न होने की वजह से उसे सर्जरी विभाग के वार्ड एक में भर्ती कराया गया था। विधानसभा अध्यक्ष उस मरीज का लगातार हाल ले रहे थे। ऐसे में मरीज ने उन्हें बताया कि डा. नितिन आए थे, वह बेहतर इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराने की बात कह रहे थे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने विभागाध्यक्ष डा. मनीष सिंह को फोन करके पूरे प्रकरण से अवगत कराया।

    तत्काल शुरू की जांच, शिनाख्त भी कराई

    डा. मनीष सिंह जानकारी होते ही सक्रिय हो गए। वह तत्काल जांच करने वार्ड पहुंच गए। मरीज से मिले। मरीज ने बताया कि अपने को डाक्टर बताने वाले नितिन अपना नंबर देकर गए हैं। उन्होंने वार्ड की सिस्टर के मोबाइल नंबर से फोन मिलवाया तो नितिन की फोटो सामने आ गई। उन्होंने मरीज को फोटो दिखाई तो उसने शिनाख्त भी कर ली।

    निजी अस्पताल में कार्यरत है नितिन

    जब फोन पर उससे बात हुई तो उसने अपने को डबल पुलिया स्थित निजी अस्पताल का कर्मचारी बताया। वह डाक्टरों का एप्रेन पहनकर वार्ड में घूमता है। मरीजों को झांसा देकर अपने जाल में फंसाता है। जांच में पता चला कि एक मरीज ने दूसरे डाक्टर का नाम लेकर भी उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराने का प्रयास किया।

    यह गंभीर मामला है। इसकी जांच कर ली गई है। निजी अस्पताल के कर्मचारी के खिलाफ एफआइआर कालेज प्रशासन दर्ज कराएगा। न्यूरो सर्जरी विभाग में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं। छह न्यूरो सर्जन भी हैं। इसलिए अगर कोई व्यक्ति बरगलाने की कोशिश करे तो तत्काल शिकायत करें। वार्ड में हर जगह नंबर चस्पा कर दिए गए हैं। - डा. मनीष सिंह, न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।