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    उरई में खुदकशी के मामले मेें एंबुलेंस चालक ने पिता को फोन कर बताई थी उत्पीडऩ की बात

    By Akash DwivediEdited By:
    Updated: Sun, 29 Aug 2021 07:21 PM (IST)

    21 वर्षीय पुत्र लल्लू यादव गत 6 महीने से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव झांसी में एंबुलेंस चालक के पद पर तैनात था। शनिवार की रात 10 बजे के आसपास लल्लू यादव ने स्वास्थ्य केंद्र के कमरे में खिड़की में रस्सी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली

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    बेटे को परेशान करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध वह मुकदमा दर्ज कराएगा

    उरई, जेएनएन। कुठौंद थाना क्षेत्र के ग्राम मदारीपुर निवासी एंंबुलेंस चालक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। झांसी के बड़ागांव स्वास्थ्य केद्र में उसकी तैमाती थी। स्वजन का आरोप है कि एंबुलेंस सेवा संचालित करने वाले कंपनी के अधिकारी उसे नौकरी से हटवाने की धमकी दे रहे थे। पिता ने कहा कि उसके बेटे को परेशान करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध वह मुकदमा दर्ज कराएगा।

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    ग्राम मदारीपुर निवासी माधव यादव का 21 वर्षीय पुत्र लल्लू यादव गत 6 महीने से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव झांसी में एंबुलेंस चालक के पद पर तैनात था। शनिवार की रात 10 बजे के आसपास लल्लू यादव ने स्वास्थ्य केंद्र के कमरे में खिड़की में रस्सी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। साथी कर्मियों ने फांसी पर लटके उसके शव को देखा तो उनके होश उड़ गए। बाद में पुलिस को सूचना दी गई। लल्लू के स्वजन मदारीपुर में ही रहते हैं। पुलिस ने उसके पिता माधव यादव को सूचना दी, जिसके बाद स्वजन मौके पर पहुंच गए। स्वजन का आरोप है कि एंबुलेंस संचालित करने वाली कंपनी के अधिकारी उसके पुत्र को परेशान कर रहे थे। इसी वजह से लल्लू यादव परेशान था।

    फर्जी केस चढ़ाने का बनाने थे दबाव : लल्लू यादव के पिता माधव यादव का कहना है कि उसके बेटे को स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारी आए दिन नौकरी से हटाने की धमकी देते थे और एंबुलेंस के फर्जी केस बनाने को लेकर बाद विवाद करते थे। तनाव के चलते उसके पुत्र अपनी जिंदगी खत्म करनी पड़ी। उसने बडग़ांव थाना में 7 कर्मचारियों के विरुद्ध आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी। घटना का पता चलने के बाद गांव के लोग भी गमगीन हैं। युवा पुत्र को खोकर पिता माधव को बहुत सदमा लगा है।