Akshay Kumar Interview: 'कनपुरिया वही जो दिल की बाद तुरंत जुबा पर ले आए', कानपुर के व्यंजनों के दीवाने हुए अक्षय कुमार
अभिनेता अक्षय कुमार ने कानपुर के बारे में कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि कनपुरिया वह है जो दिल की बात तुरंत बोल दे। उन्होंने यहाँ के खानपान की तारीफ की और बताया कि वे यहाँ के व्यंजनों के शौकीन हैं खासकर मट्ठी और ठग्गू के लड्डू उन्हें बहुत पसंद हैं।

कनपुरिया वही जो दिल की बाद तुरंत जुबा पर ले आए। यहां के खानपान का जायका दुनिया के स्वादिष्ट व्यंजनों में शामिल है और यहां के लोग खाने के बहुत शौकीन होते हैं। अक्सर कानपुर आता रहता हूं, ऐसी खातिरदारी कहीं नहीं होती है। यहां के कई इलाके जैसे कैंट, कचहरी आदि पता हैं। ये बातें अभिनेता अक्षय कुमार ने दैनिक जागरण संवाददाता आलोक तिवारी से खास बातचीत में कहीं। बातचीत के दौरान उनका अंदाज कनपुरिया रहा। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश...
कानपुर अक्सर आते रहते हैं, कैसा लगता है कानपुर
हां, अक्सर यहां आता हूं। मेरे एक जिगरी यार यहां रहता है, करीब छह साल पहले बिना पूर्व सूचना के उनसे मिलने आया था, एक दिन यहां रुककर चला गया था। लेकिन, जितनी बार आता हूं उतनी बार ये शहर नया लगता है। हाल ही के दिनों मे यहां कई बड़े विकास कार्य हुए हैं। यहां के कई इलाके जैसे कैंट, ग्रीन पार्क स्टेडियम, कचहरी आदि के बारे में जानाकारी है। यहां की सड़कों पर काफी घूमने का काफी अनुभव
आपके हिसाब से असली कनपुरिया कौन है?
मेरे हिसाब से तो जो बात दिल पर वहीं बिना सोचें समझे तुरंत जुबां पर लाने वाले आदमी ही कनपुरिया है। कुल मिलाकर कहें तो कनपुरिया का मतलब मुंहफट होता है। अभी तक मैं कानपुर के जितने लोगों से मिला हूं, उनके साथ यही अनुभव रहा है। इसके अलावा फिल्म के लिए जब कनपुरिया किरदार में खुद को ढालने की कोशिश की है तो इसका खास ध्यान रखा है। यहां की भाषा में अपनापन है। लोग मैं की जगह हम को ज्यादा तवज्जों देते हैं। यहां के लोगों से प्यार भी बहुत मिलता है। कनपुरिये खाने के बहुत शौखीन होते हैं
खानेपीने से याद आया आपने यहां की कौन-कौन से व्यंजन चखे हैं।
मुझे सबसे ज्यादा पसंद कानपुर की मट्ठी है। इसके अलावा यहां की चाट भी बहुत बढ़िया है। जब कानपुर आता हूं तो ठग्गू के लड्डू जरूर पैक कराकर ले जाता हूं। आज भी इसका आर्डर किया है।
छोटे शहरों के युवा को फिल्म इंडस्ट्री में जाने के उत्सुक रहते हैं, उन्हें अपने सफर की शुरुआत कैसे करनी चाहिए?
मैं जब फिल्म इंडस्ट्री में आया था तो मुझे इस क्षेत्र की कोई जानाकारी नहीं थी, लेकिन समय के साथ-साथ चीजें समझ में आने लगी। हर इंसान के अंदर बड़े बनने की उम्मीद होनी चाहिए। सपने देखना नहीं छोड़ना चाहिए। मैं युवाओं से एक ही बात कहूंगा कि अगर आपको लगता है कि आप अभिनेता बन सकते हैं तो आपको उम्मीद और मेहनत करना नहीं छोड़ना चाहिए। फिल्म इंडस्ट्री में बहुत से ऐसे लोग हैं जो छोटे शहरों से आए हैं, लेकिन उन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर हर किसी को अपना कायल बना लिया।
उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी तैयार हो रही है, इससे प्रदेश में फिल्म को कितना बढ़ावा मिलेगा?
उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा में फिल्म सिटी तैयार हो रही है। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को धन्यवाद देता हूं। देश के हर राज्य में फिल्म सिटी होनी चाहिए, आने वाले दिनों में ऐसा होगा। इससे लोक कलाकारों और लोकला को भी बढ़ावा मिलेगा। हमारे भारत देश बहुत खूबसूरत है।
यहां के हर एक राज्य की खूबसूरती अपने आप में विशेष हैं। जहां आप कैमरा लेकर खड़े हो जाइए हर जगह एंगल है। आज कल डिजिटल युग और इंटरनेट मीडिया के दौर में चीजें काफी आसान हो गई है। आप अपना आडिशन आनलाइन अपलोड कर सकते हैं। आपके करेक्टर के हिसाब से लोग आपसे संपर्क करेंगे। आज के समय में फिल्म इंडस्ट्री में आने का इससे आसान तरीका और कोई नहीं है।
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