Akhilesh Dubey case: अखिलेश दुबे के गिरोह के मददगार आइपीएस की संपत्ति की हो सकती हैं जांच, वादी-गवाह की भी तलाश
कानपुर में भाजपा नेता पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला और उसकी बहन की तलाश में पुलिस बिहार जाएगी। अखिलेश दुबे गिरोह में शामिल आइपीएस की संपत्ति की जांच भी हो सकती है। रवि सतीजा पर दुष्कर्म का आरोप है जिसमें अखिलेश दुबे ने रंगदारी मांगी थी। वादी और गवाह के लापता होने से पुलिस चिंतित है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। महीनों से लापता भाजपा नेता पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला व उसकी बहन की तलाश में जल्द पुलिस की एक टीम बिहार के छपरा जिला जाएगी। वहीं, अखिलेश दुबे और उसके सहयोगी लवी मिश्रा के जेल जाने के बाद अब उसके गिरोह में शामिल कई आइपीएस की संपत्ति की भी जांच केडीए व राजस्व विभाग से हो सकती है।
भाजपा नेता रवि सतीजा पर मूलरूप से बिहार के छपरा जिला के छपरा थानाक्षेत्र की रहने वाली महिला ने मुकदमा दर्ज कराया था। उसने आरोप लगाया था कि रवि सतीजा ने उसकी नाबालिग बहन से अपने होटल की तीसरी मंजिल पर दुष्कर्म किया था। इस मुकदमे में रवि ने बताया कि इसी मुकदमे में जेल भिजवाने की धमकी देकर अखिलेश दुबे ने उनसे 50 लाख रुपये की रंगदारी मांग थी।
कहा था कि पैसे देने पर समझौता हो जाएगा, लेकिन उन्होंने अधिकारियों से गुहार लगाई तो जांच में मुकदमें में लगाए गए आरोप झूठे निकले। इसके बाद पुलिस आयुक्त अखिल कुमार के आदेश पर मार्च में एसआइटी ने जांच की, लेकिन मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला व उसकी छोटी बहन घर से गायब हो गईं।
वहीं, इस मुकदमे का गवाह अभिषेक बाजपेई भी तब से लापता है। अब वादी और गवाह न मिलने से पुलिस भी किसी अनहोनी की आशंका जता रही है। वादी-गवाह की तलाश में जल्द एक टीम उनके गांव जाने की तैयारी कर रही है। मूलगांव जाने पर काफी जानकारी मिलने की संभावना है। वहीं, सूत्रों के अनुसार, शहर की एक बड़ी संपत्ति अखिलेश दुबे के जरिए ही एक आइपीएस ने ली है। अब अधिकारी संबंधित विभागों के जरिए अखिलेश दुबे के गिरेाह के कई आइपीएस और पीपीएस की संपत्ति की जांच करा सकते हैं।
पार्क समेत जमीन के कब्जों की जांच रिपोर्ट तैयार
अधिवक्ता अखलेश दुबे के खिलाफ जमीनों पर अवैध कब्जे और वसूली के मामलों की संख्या काफी हैं, लेकिन उसके नाम का इतना खौफ लोगों में है, कि जेल जाने के बाद भी लोग खुलकर सामने नहीं आ पा रहे हैं। हालांकि करीब 10 लोग अब तक सामने आ पाए हैं, जिन्होंने भाजपा नेता रवि सतीजा के बाद से अब कई पीड़ित पुलिस अधिकारियों को गोपनीय तरह से शिकायती पत्र दे रहे हैं। इन मामलों में जमीन व पार्कों की जांच के लिए एसआइटी ने केडीए से जांच रिपोर्ट मांगी थी। एक अधिकारी के मुताबिक, केडीए की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। संभावना है कि सोमवार को केडीए रिपोर्ट एसआइटी को दे सकती है। उसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू होगी।
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