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    पहले 56 अब 20 करोड़ और मिले, अब तक दूर नहीं हो सका कानपुर का वायु प्रदूषण

    By Abhishek VermaEdited By:
    Updated: Sun, 17 Jul 2022 04:29 PM (IST)

    कानपुर में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। शासन से वायु प्रदूषण रोकने को 56 करोड़ रुपये मिले थे। वह रुपये अभी खर्च नहीं हुए है शासन ने एक बार फिर वायु प्रदूषण के लिए 20 करोड़ और रुपये और दिए है।

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    कानपुर में वायु प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।

    कानपुर, जागरण संवाददाता। वायु प्रदूषण दिन पर दिन बढ़ रहा है। सरकारें इसे रोकने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन अधिकारी लापरवाह हैं। उनकी अनदेखी के कारण ही शहर में वायु प्रदूषण रोकने के लिए 15वें वित्त आयोग से मिले 56 करोड़ रुपये अभी तक रखे हैं। तीन माह से धेला भी खर्च नहीं हुआ। अब 20 करोड़ रुपये शासन से और आ गए हैं।

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    इसके बावजूद प्रदूषण रोकने की दिशा में कोई तैयारी तो दूर चर्चा तक नहीं है। अगर समय पर टेंडर और अन्य प्रक्रिया नहीं हुईं तो फिर निकाय चुनाव को लेकर आचार संहिता के चलते धन छह माह के लिए फंस जाएगा। स्थानीय निकाय की नई सरकार बनने पर ही काम शुरू होंगे, तब तक लोगों को प्रदूषण के दर्द से बेहाल रहना पड़ेगा। उधर, पार्षदों में आक्रोश है, क्योंकि समस्याओं से जूझ रही जनता उन्हें घेर रही है।

    वायु प्रदूषण रोकने के लिए 15वें वित्त आयोग से अब तक चार किस्तें जारी हो चुकी हैं। पहले 74-74 करोड़ रुपये की दो किस्त जारी की गईं। इन 148 करोड़ रुपयों से सिर्फ 70 प्रतिशत ही कार्य हो पाए हैं। तीसरी किस्त में पहले 56 करोड़ रुपये और अब 20 करोड़ रुपये आ गए हैं। इन पैसों को कहां और किस मद में खर्च करना है, इसका अब तक अफसर खाका ही नहीं तैयार कर पाए हैं।

    ऐसे में पार्षद आक्रोशित हैं कि धन होने के बाद भी उनके क्षेत्र में कच्चे स्थानों के साथ खुले नालों और धूल उड़ने वाली जगहों पर कोई काम नहीं हो पा रहा है। शहर में 110 वार्डों में अलग-अलग जगह ऐसे स्थानों पर जल्द काम कराने की मांग उठाई है।

    जिम्मेदार बोले- वायु प्रदूषण रोकने के लिए 56 करोड़ रुपये के बाद अब 20 करोड़ और मिले हैं। विकास कार्यों का खाका तैयार करके कमेटी के सामने रखा जाएगा। -एसके सिंह, मुख्य अभियंता, नगर निगम

    नगर निगम विकास कार्यों का खाका तैयार कर कमेटी के सामने रखे, ताकि शहर की जरूरत के हिसाब से इस पर स्वीकृति दी जा सके। जल्द काम कराए जाएंगे। -प्रमिला पांडेय, महापौर