डिस्लेक्सिया की बाधाएं तोड़ने में AI कैसे मददगार? आज इंक्लूजन फेस्ट में खुलेंगे राज
कानपुर में इंक्लूजन फेस्ट-2025 का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से डिस्लेक्सिया की बाधाओं को दूर करना है। इस कार्यक्रम में 55 स्कूलों के छात्र-छात्राएं और शिक्षक भाग लेंगे। निबंध और चित्रकला प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा। विशेषज्ञों द्वारा एआई के माध्यम से डिस्लेक्सिया की समस्या को कम करने के उपायों पर चर्चा की जाएगी।
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जागरण संवाददाता, कानपुर। डिस्लेक्सिया की बाधाओं को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से तोड़ा जा सकता है। सजगता और जागरूकता के इंक्ल्यूजन फेस्ट-2025 में शनिवार को इस अवधारणा को आसानी से समझा और जाना जा सकेगा।
मर्चेंट्स चैंबर हाल में होने वाले समारोह में शहर के 55 स्कूलों के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों का भी प्रतिनिधित्व होने वाला है। स्कूलों में आयोजित की गई निबंध और चित्रकला प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी इस मौके पर सम्मानित किया जाएगा।
पुष्पा खन्ना मेमोरियल सेंटर और दैनिक जागरण के सहयोग से होने वाले समारोह की थीम इस बार बाधाओं को तोड़ना और सेतु का निर्माण है। आयोजन का उद्देश्य उत्तर भारत में समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए एक अग्रणी मंच का निर्माण करना है जिससे कोई भी आगे बढ़ने से वंचित न रह जाए।
इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आइआइटी कानपुर के उप निदेशक प्रो. ब्रजभूषण हैं। तकनीकी सत्र में बेंगलुरू से आने वाले बाल रोग विशेषज्ञ व टेक्नोक्रेट डा.बोडोपल्ली श्रीधर से जानने को मिलेगा कि एआइ की मदद से कैसे डिस्लेक्सिया की समस्या को कम किया जा सकता है।
संस्था के सत्यम तिवारी ने बताया कि अभियान के तहत कानपुर के स्कूलों में निबंध और कला प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था। 800 से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है। अब विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।

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