Move to Jagran APP

बाईपास सर्जरी के बाद डॉक्टर बता देंगे कितने समय तक धड़केगा दिल Kanpur News

कार्डियोलॉजी में दो साल से चल रहे अध्ययन के बाद मिली सफलता अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित होने के लिए भेजा गया।

By AbhishekEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 11:30 AM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 11:30 AM (IST)
बाईपास सर्जरी के बाद डॉक्टर बता देंगे कितने समय तक धड़केगा दिल Kanpur News
बाईपास सर्जरी के बाद डॉक्टर बता देंगे कितने समय तक धड़केगा दिल Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) के चिकित्सक अब बाईपास सर्जरी के बाद ये बता सकेंगे कि दिल (हार्ट) कब तक धड़केगा। इसका आधार बाईपास ग्राफ्ट की फ्लोमेट्री (दिल में रक्त के बहाव की स्थिति) होगी। इसके लिए संस्थान में दो साल से अध्ययन चल रहा है। हाल ही में चेन्नई में हुई राष्ट्रीय अधिवेशन में इसे प्रस्तुत किया गया था। अब इसे अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित करने के लिए भेजा गया है।

loksabha election banner

हृदय रोग संस्थान के कार्डियक थेरोसिक वेस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) के विभागाध्यक्ष के मुताबिक दिल की धमनियों में कई जगह कोलेस्ट्राल जमने से रुकावट हो जाती है। इसका विकल्प बाईपास सर्जरी ही है, जो धड़कते दिल (बीटिंग हार्ट) पर की जाती है। बाईपास बनाने के लिए तीन तरह की नसें लीमा (लेफ्ट इंटर्नल मेमेरी आर्टरी), रेडियल आर्टरी (हाथ की नस) और सेफनेस वेन (पैर की नस) का इस्तेमाल किया जाता है। सर्जरी के बाद दिल में लगाई गई नसों में रक्त के प्रवाह (फ्लोमेट्री) को मापते हैं। इससे अनुमान लग जाता है कि दिल अगले कितने साल तक काम करेगा।

माप की प्रक्रिया है टीटीएफएम

बाईपास के उपरांत मरीज के दिलों की नसों में रक्त का प्रवाह ट्रांजिट टाइम फ्लो मीटर (टीटीएफएम) से मापा जाता है। इसकी माप के तीन स्तर मीन ग्राफ्ट फ्लो (एमजीएफ), पल्सेटेलटी इंडेक्स (पीआइ) एवं डायस्टोलिक फ्लो कर्व (डीएफसी) हैं।

यह है आदर्श स्थिति

राइट करोनरी आर्टरी में रक्त का प्रवाह 25-30 एमजीएफ, 3-3.5 पीआइ और कम्पलीट डयास्टोलिक पीरियड 100 फीसद डीएफसी हो। लेफ्ट करोनरी आर्टरी में रक्त का प्रवाह 35-40 एमजीएफ, 2.5-3 पीआइ और कम्पलीट डयास्टोलिक पीरियड 100 फीसद डीएफसी हो। ऐसी स्थिति होने पर दिल की उम्र 15-20 साल तक होती है। इस अवधि में कोई समस्या नहीं होती है।

इस तरह किया गया अध्ययन

-वर्ष 2017 में शुरू किया गया था अध्ययन

-300 मरीजों पर किया गया शोध

-268 पुरुष एवं 32 महिलाएं रहीं शामिल

उम्र के हिसाब से हार्ट ब्लॉकेज की स्थिति

60-70 वर्ष में 32 फीसद

50-60 वर्ष में 40 फीसद

40-50 वर्ष में 16 फीसद

20-40 वर्ष में 12 फीसद

क्या बोले चिकित्सक

दो वर्षों से अध्ययन चल रहा है। इसमें 300 मरीजों की बाईपास सर्जरी के उपरांत ग्राफ्ट की फ्लोमेट्री मापी गई। इसमें 70 फीसद की नार्मल पाई गई। इससे उनके दिल की उम्र 15-20 साल के बीच निर्धारित की गई है।

-प्रो. राकेश वर्मा, विभागाध्यक्ष सीवीटीएस, लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.