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    कानपुर में यात्रियों से किराया लेकर टिकट न देने पर 43 संविदा परिचालक रूट से हटाए गए, खत्म होंगी सेवाएं

    By vivek mishra Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Thu, 21 Aug 2025 06:00 AM (IST)

    कानपुर में ई-बसों में किराया चोरी का मामला सामने आया है। नगर निगम के कंट्रोल रूम से लाइव निगरानी में 43 परिचालक पकड़े गए जो यात्रियों से किराया लेकर टिकट नहीं दे रहे थे। सबसे ज्यादा किराया चोरी आइआइटी से रामादेवी घाटमपुर बिंदकी और उन्नाव रूट पर हुई। केसीटीएसएल ने सेवा प्रदाता एजेंसी को परिचालकों को हटाने का निर्देश दिया है क्योंकि इससे राजस्व का नुकसान हो रहा था।

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    बिना टिकट दिए सफर कराना पड़ा महंगा।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। शहर में संचालित ई-बसों में परिचालकों द्वारा यात्रियों से किराया लेकर उन्हें बिना टिकट दिए सफर कराना महंगा पड़ गया है। एक बार फिर अधिकारियों ने नगर निगम में बने कंट्रोल रूम से ई-बसों की लाइव निगरानी करके 43 परिचालकों को किराया चोरी करने के आरोप में चिह्नित किया है। सर्वाधिक किराया चोरी के मामले आइआइटी से रामादेवी और घाटमपुर, बिंदकी और उन्नाव रूट पर मिले हैं।

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    केसीटीएसएल यानी कानपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के मुख्य संचालन अधिकारी रजनीश राजपूत ने बुधवार को सेवा प्रदाता एजेंसी एसएस इंटरप्राइजेज के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर चिह्नित परिचालकों को तत्काल रूट से हटाने के साथ ही सेवा खत्म करने के निर्देश दिए हैं।

    केसीटीएसएल की ओर जिले भर में 100 में से 80 ई-बसों का संचालन किया जाता है। इसमें रोजाना औसतन 11 हजार से अधिक यात्रियों को परिवहन सुविधा दी जाती है। परिचालक इन यात्रियों से होने वाली तीन लाख रुपये की आय जमा करा रहे थे। जबकि आय साढ़े चार लाख रुपये जमा होनी चाहिए थी। नियमित एक से डेढ़ लाख रुपये की आय का नुकसान पहुंचने का अंदेशा होने पर मुख्य संचालन अधिकारी ने रूट पर चल रही ई बसों में तैनात संविदा परिचालकों की नगर निगम में बने कंट्रोल रूम से निगरानी शुरू की।

    तीन माह तक चली निगरानी के दौरान राजस्व को नुकसान पहुंचाने की पुष्टि होने पर चिह्नित परिचालकों को रूट से हटाने और सेवा खत्म करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मुख्य संचालन अधिकारी रजनीश राजपूत ने बताया कि जांच के दौरान चिह्नित संविदा परिचालकों ने विभिन्न रूटों पर 40 फेरों में 667 यात्रियों से किराया लेकर उन्हें टिकट न दिया जाना पाया गया। राजस्व को नुकसान पहुंचाने पर चिह्नित परिचालकों को रूट से हटाने के साथ सेवा समाप्त करने के लिए एजेंसी को निर्देशित किया है।