नौकरी लगवाने और ऋण निस्तारण के नाम पर ठगी करने वाला आरोपी गिरफ्तार, अब तक कर चुका है डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी
कानपुर में एक बड़ी ठगी का मामला सामने आया है जहां एक आरोपी ने सीएसजेएम यूनिवर्सिटी में नौकरी लगवाने और लोन का निस्तारण करवाने के नाम पर पांच लोगों से लगभग 1.49 करोड़ रुपये की ठगी की है। आरोपी को स्वरूप नगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उसे जेल भेज दिया गया है। पुलिस जांच में जुटी है।
जागरण संवाददाता, कानपुर। सीएसजेएम यूनिवर्सिटी में नौकरी लगवाने और लोन का निस्तारण करवाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को स्वरूप नगर पुलिस ने गिरफ्तार किया। अब तक आरोपी द्वारा ठगी का शिकार हुए पांच पीड़ित सामने आये है। जिनसे आरोपी करीब 1.49 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है। पुलिस ने आरोपी पर कार्रवाई कर उसे जेल भेजा।
स्वरूप नगर थाना प्रभारी सूर्यबली पाण्डेय ने बताया कि आर्यनगर निवासी तान्या दीक्षित ने मुकदमा दर्ज कराया था कि उनके परिचित विक्रम सिंह चंदेल ने पीएचडी करवाने और सीएसजेएम यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी लगवाने की बात की, जिसके एवज में आरोपी ने उनसे करीब 28.18 लाख रुपये की ठगी की। मामले की जांच के दौरान सामने आया कि आरोपी कई अन्य लोगों से गृह लोन का निस्तारण करवाने के नाम से भी ठगी कर चुका है।
घर से गिरफ्तार किया गया आरोपी
आरोपी ने संजीव सिंह उर्फ बाबा लाडली दास निवासी अम्बेडकरपुरम आवास-विकास कल्याणपुर से 27.68 लाख रुपये, विजय देव चौरसिया निवासी गणेश नगर रावतपुर गांव से 25.01 लाख रुपये, अंजू त्रिपाठी पत्नी प्रवीण कुमार निवासी आवास विकास कालोनी कल्याणपुर से 20.50 लाख रुपये, प्रियंका त्रिपाठी पत्नी विजय त्रिपाठी निवासी गणेश नगर रावतपुर गांव से करीब 48 लाख रुपये की ठगी की है।
आरोपी को बुधवार भोर को पनकी स्थित उसके घर से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। आरोपी पर प्रियंका त्रिपाठी ने रावतपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया हुआ है। आरोपी का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है। जल्द ही आरोपी के गिरोह में शामिल अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार किया जाएगा।
आरोपी की गैंग में विकास दुबे गैंग का साथी
पुलिस ने बताया कि आरोपी की गैंग में उसकी मां तृप्ति सिंह, बहन सान्या सिंह, महिला मित्र प्रियंका सिंह समेत राहुल सिंह समेत अन्य आरोपी शामिल है। आरोपी राहुल सिंह पहले भी जेल जा चुका है। वह गैंगस्टर विकास दुबे की गैंग का सदस्य है, जिसने कई पीड़ितों को आरोपी विक्रम सिंह चंदेल से मिलवाया था और उनकी लोन की समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया था। जल्द ही आरोपी की गैंग में शामिल सभी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
फर्जी मोहरें और न्यायालय के दस्तावेज हुए बरामद
पुलिस ने बताया कि आरोपी के पास से 1.02 लाख रुपये, चार रबर की मोहरे, एक स्टाम्प पेपर, एजुकेशन ग्रुप लेटर पैड, एक ह्यूमन राइट फॉर सोशल जस्टिस का पैड, सादी दो मोहर पैड अंक पत्र, मार्कशीट, फोन नंबर लिस्ट, परिचय पत्र, एक फाइल में कई विश्वविद्यालयों व कॉलेजों के फॉर्म फीस स्ट्रक्चर, डेस्क नेमप्लेट, दो मोबाइल इत्यादि बरामद किया है।
अधिवक्ता बनकर न्यायालय के फर्जी स्टे ऑर्डर दिए
पुलिस ने बताया कि आरोपी खुद को अधिवक्ता बताता था, जबकि उसका एलएलबी का रजिस्ट्रेशन नहीं है। आरोपी ने गृह ऋण का निस्तारण कराने की बात कहकर कल्याणपुर निवासी संजीव सिंह उर्फ बाबा लाडली दास से 27.68 लाख रुपये, अंजू त्रिपाठी 20.50 लाख रुपये और रावतपुर गांव निवासी विजय देव चौरसिया से 25.01 लाख रुपये और प्रियंका त्रिपाठी से करीब 48 लाख रुपये की ठगी की है।
आरोपी ने सभी पीड़ितों को गृह ऋण निस्तारण कराने का आश्वासन दिया। जिसके बाद आरोपी ने पीड़ितों को ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) इलाहाबाद का फर्जी स्टे ऑर्डर और फर्जी रसीदें दी है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।