लटकने से नहीं टूटती गले की हड्डी
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कानपुर, निज संवाददाता : हायड बोन यानि गले की हड्डी किसी भी परिस्थिति में लटकने से नहीं टूटती। ऐसा तभी संभव है जब लेटने की स्थिति में गले को दबाया जाये। ऐसा पोस्टमार्टम विशेषज्ञों का दावा है। जबकि पुलिस यह मानने को तैयार नहीं कि इंजीनियर पत्नी की हत्या की गयी। फिलहाल मामला विधि विशेषज्ञ के पास लखनऊ भेजा जा रहा है।
बता दें कि किदवईनगर निवासी केमिकल इंजीनियर रविंद्र शुक्ल की पत्नी सपना की लाश शनिवार सुबह किचन में लटकी मिली थी। जूही पुलिस ने मौत का कारण फांसी पर लटकना माना लेकिन पोस्टमार्टम में पूरी कहानी ताश के पत्तों की तरह बिखर गयी। रिपोर्ट में मौत का कारण गला दबाना बताया गया है। सीनियर सर्जन डा. राजेश अग्रवाल ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मृतका के गले पर बायीं तरफ नौ गुना एक सेंटीमीटर का नीलगू निशान पाया गया। गले की हायड बोन टूटी हुई थी। डा. राजेश का कहना है कि पुलिस ने पंचनामा में मृतका के गले पर बायीं ओर नीलगू निशान ही लिखा है। इस संबंध में जब पोस्टमार्टम से जुडे़ कुछ विशेषज्ञों से बात की गई तो उनका भी यही कहना है कि लटकने से हायड बोन नहीं टूट सकती। ऐसा तभी हो सकता है जब सोते समय गर्दन किसी वस्तु से दबाई गयी हो। वहीं सीओ बाबूपुरवा एनपी सिंह का कहना है कि मौके से मिले तथ्यों के आधार पर हत्या का कोई कारण समझ में नहीं आता। अगर हत्या की गई होती तो वह सुसाइड नोट क्यों लिखती? इस प्रकरण को निदेशक उप्र राज्य चिकित्सा के पास भेजा जा रहा है। निदेशक की राय के बाद ही कोई कार्रवाई की जायेगी।
लटकने की स्थिति में
-नीलगू का निशान गर्दन के चारों तरफ आता है
-गले की हायड बोन नहीं टूटती
-गर्दन के पीछे गांठ का निशान होगा
गला दबाने की स्थिति में
-जहां दवाब पडे़गा, वहीं निशान आयेगा
-हायड बोन भी टूट जायेगी
-हड्डी के नीचे मास में इकाइमोस मिलेगा
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