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    कानपुर CSJMU के 57 वें स्थापना दिवस पर जुटे शिक्षाविद, डाक्यूमेंट्री फिल्म में दिखी यूनीवर्सिटी की यात्रा

    By Abhishek VermaEdited By:
    Updated: Wed, 09 Feb 2022 07:23 PM (IST)

    सीएसजेएमयू का 57वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। मुख्य अतिथि रूप में प्रदेश मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने आनलाइन उपस्थित होकर कुलपति शिक्षकों ...और पढ़ें

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    सीएसजेएमयू के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का दीप जलाकर शुभारंभ करते दाएं से कुलपति प्रो.विनय कुमार पाठक व अन्य।

    कानपुर,जागरण संवाददा। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय का 57वां स्थापना दिवस बुधवार को धूमधाम से मनाया गया। मुख्य अतिथि रूप में प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने आनलाइन उपस्थित होकर कुलपति, शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ज्ञान का रत्नाकर है और छात्र-छात्राओं से देश के विकास में अपना अमूल्य योगदान देने आह्वान किया। उन्होंने नई शिक्षा नीति को लागू करने वाला राज्य का पहला विवि बनाने पर कुलपति को बधाई भी दी। साथ ही कहा कि युवा विवि से निकलकर शहर से जुड़ें और देश के लिए ताकत बनें। इस दौरान विशिष्ट अतिथि चीफ पोस्टमास्टर ने विवि की ओर से तैयार कराए गए विशेष डाक कवर, डिजिटल काफी टेबल बुक, न्यूजलेटर के साथ ही डा. विपिन कुमार की ओर से विवि पर लिखी गई पुस्तक का भी विमोचन किया गया। दो पूर्व कुलपति प्रो. हर्ष कुमार सहगल व प्रो. अशोक कुमार ने भी आनलाइन जुड़कर आशीर्वचन दिए।

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    समारोह की शुरुआत सुबह कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक, आयुर्वेदाचार्य डा. वंदना पाठक ने परिसर में स्थित विश्वेश्वर महादेव मंदिर में हवन-पूजन कर की। इसके बाद कुलपति व स्टाफ ने विवि  विभिन्न संकायों समेत पूरे परिसर में 570 पौधे रोपे। पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की ओर से तैयार किए गए न्यूजलेटर और विश्वविद्यालय के 56 वर्षों की यात्रा पर आधारित डाक्यूमेंट्री फिल्म ने लोगों को आकर्षित किया। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बताया कि उन्होंने आइआइटी कानपुर से ही इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था। साथ ही यहां विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी रहे, तब से विवि से जुड़ाव रहा। उन्होंने कहा कि इस बात की खुशी है कि आजादी के इस अमृत महोत्सव पर विवि ब्लाकचेन तकनीकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्किल डवलपमेंट, डिजिटलाइजेशन समेत उन सभी विषयों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिनका आने वाले समय में सर्वाधिक उपयोग किया जाएगा। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आजादी की सौवीं वर्षगांठ पर देश कैसा हो, विवि के युवाओं को इस पर मंथन करने की जरूरत है। नई शिक्षा नीति के बारे में भी जानकारी देते हुए कहा कि इसमें नवाचार, शोधकार्यों के साथ ही विषयों को चुनने की आजादी है, जो पहले कभी नहीं थी। इससे पूर्व कुलपति ने 57वें विवि का इतिहास बताया।

    उन्होंने कहा कि यहां से पूर्व प्रधानमंत्री, कवि व लेखक भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी, राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जैसे महान लोगों ने शिक्षा ग्रहण की है। जमाना अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नई टेक्नोलाजी का है, शिक्षकों व छात्रों को मिलकर इसमें भूमिका निभानी होगी। हमें नालेज इकोनामी में नए कोर्स और नवाचार को बढ़ावा देना चाहिए। पूर्व कुलपतियों ने भी शुभकामनाएं देते हुए नवाचारों को बढ़ाने की बात कही। इस दौरान पूर्व छात्र विजय पांडेय, डा. सुरेश अवस्थी ने भी विचार रखे। विवि प्रशासन ने सभी शिक्षकों, अधिकारियों व कर्मचारियों को मेट्रो से नि:शुल्क यात्रा करने की सुविधा भी दी। कार्यक्रम का संचालन प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने किया। इस दौरान कुलसचिव डा. अनिल कुमार यादव, वित्त अधिकारी पीएस चौधरी, परीक्षा नियंत्रक डा. अंजनी कुमार मिश्र, प्रो. संजय स्वर्णकार, डा. शिवांशु सचान, डा. प्रवीण कटियार, डा. ऐश्वर्या आर्य, आदि रहे।