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    गोरखपुर के व्यक्ति का कानपुर से पारिवारिक सदस्यता प्रमाणपत्र जारी, अफसरों के माथे पर चिंता की लकीरें

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Sat, 20 Nov 2021 09:56 AM (IST)

    कानपुर में एसडीएम सदर कार्यालय से गोरखपुर के मूल निवासी व्यक्ति का तहसील से पारिवारिक सदस्यता प्रमाणपत्र जारी होने की शिकायत शासन में होने के बाद विशेष सचिव ने स्पष्टीकरण मांगा तो अफसरों में खलबली मच गई है।

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    कानपुर सदर तहसील से जारी हुआ प्रमाणपत्र।

    कानपुर, जागरण संवाददाता। एसडीएम सदर कार्यालय से गोरखपुर के मूल निवासी व्यक्ति का पारिवारिक सदस्यता प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। उसपर खास ये कि तलाकशुदा महिला को पत्नी बता दिया गया। तहसील में प्रमाणपत्र चर्चा का विषय बना है, वहीं अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें भी बढ़ा रहा है। नियमों और पहचान पत्रों की अनदेखी करके बनाए गए इस पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र पर आइजीआरएस पर शिकायत की गई है, जिसपर शासन ने एसडीएम और तहसीलदार से रिपोर्ट मांगी है।

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    जानिए क्या है पूरा मामला : गोरखपुर के सोनबरसा गांव निवासी डा. ज्ञानेश्वर प्रसाद खरे का विवाह स्वरूप नगर निवासिनी कामिनी खरे के साथ 1969 में हुआ। विवाह के बाद ज्ञानेश्वर अमेरिका चले गए और लास एंजेलिस में रहने लगे। उनके दो बच्चे हुए जिनका नाम समीर और मोनिका है। इसी दौरान पति-पत्नी के बीच आपसी विवाद हुआ जो सुपीरियर कोर्ट कैलीफोर्निया पहुंच गया। अधिवक्ता वसीम अख्तर के मुताबिक सुपीरियर कोर्ट ने 19 जून 1990 को दोनों के बीच तलाक की डिक्री पारित कर दी। कोर्ट ने ज्ञानेश्वर की पत्नी कामिनी और बच्चों के लिए मुआवजा राशि तय कर दी।

    तलाक के 28 वर्ष बाद चार मार्च 2018 को ज्ञानेश्वर का निधन हो गया। उनकी मौत के दो साल बाद 17 जुलाई 2020 को कामिनी ने कानपुर की सदर तहसील में पारिवारिक सदस्यता प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया। इसके पक्ष में उन्होंने नोटरी से सत्यापित हलफनामा भी दिया जिसमें तलाक की बात छिपाते हुए स्वयं को पत्नी और समीर और मोनिका को बेटा-बेटी बताया गया। 20 जुलाई को तहसील से प्रमाणपत्र जारी हो गया। अधिवक्ता के मुताबिक ज्ञानेश्वर प्रसाद गोरखपुर के सोनबरसा गांव के रहने वाले थे ऐसे में सबसे बड़ा सवाल कि प्रमाण पत्र कानपुर से कैसे जारी हो गया।

    शिकायत के बाद खुला मामला : गलत तरीके से पारिवारिक सदस्यता प्रमाणपत्र जारी होने पर ज्ञानेश्वर के भाई एनके श्रीवास्तव ने शासन में शिकायत की। शासन से रिपोर्ट मांगी गई तो अधिकारियों ने कामचलाऊ रिपोर्ट देकर खानापूरी कर दी। विशेष सचिव महेंद्र सिंह ने रिपोर्ट पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया प्रवंचना प्रतीत हो रही है। जिसके बाद उन्होंने एसडीएम सदर और तहसीलदार से स्पष्ट आख्या भेजने के निर्देश दिए हैं।