जागरण संवाददाता, कानपुर : शहर की आबोहवा अब सांस लेने लायक नहीं रह गई है। पूरे देश में कानपुर को सर्वाधिक प्रदूषण वाला शहर घोषित कर दिया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ताजा आंकड़ों से शहर की यह तस्वीर सामने आई है। गुरुवार को जारी आंकड़े इशारा करते हैं कि शहर की हवा स्वस्थ्य मनुष्य के लिए खतरनाक होने के साथ मरीजों के लिए जानलेवा है। खासकर दमा रोगियों के लिए इस हवा में सांस लेना बेहद घातक साबित हो सकता है।

शहर में वाहनों की संख्या लगातार बढ़ने के साथ फैक्ट्री से निकलने वाले आयरन व कॉपर के अपशिष्ट प्रदूषण की मात्रा बढ़ाने का प्रमुख कारण हैं। वाहनों का धुएं, आयरन व कॉपर से निकलने वाले अति सूक्ष्म कण कोहरे को और घना बना रहे हैं। इससे प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि सांस लेने में तकलीफ होने लगी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शहर में हवा की गुणवत्ता सबसे निम्न दर्जे की पाई है। इसकी इनडेक्स वैल्यू 487 व प्रोमीनेंट पॉल्यूटेंट पीएम 2.5 दर्ज किया गया है। कानपुर के अलावा देश की राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, आगरा व बनारस की हवा में भी जहर घुल रहा है। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने इन शहरों को भी वेरी पुअर की श्रेणी में रखा है।

प्रदूषित कोहरे से आंख, नाक व गले को खतरा :

आइआइटी प्रोफेसर सच्चिदानंद त्रिपाठी ने अपने शोध अध्ययन में यह पाया है कि कानपुर जैसे शहरों में सर्दी के दिनों में प्रदूषण अन्य मौसम की अपेक्षा कई गुना बढ़ जाता है। उद्योगों से निकलने वाले आयरन व कॉपर धातुओं के अपशिष्ट कोहरे की नमी में कार्बनिक एयरोसोल बढ़ाते हैं जिससे प्रदूषण की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है। छोटे-छोटे प्रदूषक कणों के इर्द गिर्द जमने वाला प्रदूषित कोहरा आंख, नाक व गले के लिए खतरनाक होता है।