मास) सुखी रहना है तो त्याग दें लोभ और मोह
कानपुर, जागरण संवाददाता: पुरुषोत्तम मास सभी मनोरथों को पूर्ण करने वाला होता है। इस मास में अभीष्ट सि ...और पढ़ें

कानपुर, जागरण संवाददाता: पुरुषोत्तम मास सभी मनोरथों को पूर्ण करने वाला होता है। इस मास में अभीष्ट सिद्धियों की प्राप्ति भी होती है। धर्मिक अनुष्ठान इस मास में अतिउत्तम माना गया है। ये बातें आचार्य नवलेश ने ब्रह्मांडोत्सव वैदिक विज्ञान मंडल द्वारा जागेश्वर धाम में आयोजित पुरुषोत्तम महोत्सव में कही।
उन्होंने सुदामा चरित्र का वर्णन किया। कहा कि सुदामा संतोष और त्याग के चरित्र के प्रभाव से गरीब थे। वे दरिद्र नहीं थे। उनका गुण संतोषी स्वभाव का था। यही वजह थी कि वे भगवान श्रीकृष्ण के अटूट मित्र थे। सुदामा की तरह ही मोह और लोभ को त्यागकर प्रभु की भक्ति करनी चाहिए। फलाहारी महाराज, मिथिलेश नंदिनीशरण महाराज ,विज्ञानानंद महाराज व डा. सदाशिव महाराज, कार्यक्रम संयोजक आचार्य उमेशदत्त शुक्ल, योगेश भसीन, प्राण श्रीवास्तव दीपक तिवारी, कमल मिश्र आदि रहे।
स्वस्थ रहने के लिए योग जरूरी
कानपुर: योग आज जीवन को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है किंतु हम शरीर को चुस्त रखने के लिए व्यायाम कर रहे हैं। आसन कराने वालों को योगी मानना सर्वथा अनुचित है। योग चित्त में शांति पैदा करता है। इसकी क्रियाएं जरूर शारीरिक होती है किंतु इसका लाभ मन व मस्तिक को प्राप्त होता है तन को नहीं । अयोध्या में राम मंदिर जरूर बनेगा। ये बातें संत मिथलेश नंदिनी शरण जी महारज पत्रकारों से कही। कहा कि गंगा,गाय,विप्र जबतक धरा पर विद्यमान हैं तब तक धरती बनी रहेगी। इनके नष्ट होते ही महाप्रलय इस सृष्टि को निगल जायेगी।

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