त्वचा पर 'बीटल' का हमला
कानपुर, जागरण संवाददाता : भीषण गर्मी में तरह-तरह की बीमारियां पांव पसारने लगती हैं। अधिक पसीना आने स
कानपुर, जागरण संवाददाता : भीषण गर्मी में तरह-तरह की बीमारियां पांव पसारने लगती हैं। अधिक पसीना आने से त्वचा बैक्टीरियल व वायरस इंफेक्शन से प्रभावित हो रही है। ऐसे में खुले में सोने वालों पर बीटल ने हमला कर दिया है, जिससे त्वचा पूरी तरह झुलस जाती है। इससे प्रभावित मरीज रोज बड़ी संख्या में हैलट एवं उर्सला अस्पताल के चर्म रोग की ओपीडी में पहुंच रहे हैं।
हैलट की चर्म रोग ओपीडी में रोज औसतन 300-350 मरीज आते हैं। गर्मी बढ़ने से यह संख्या 450-550 तक पहुंच गई है। इसमें भी सबसे अधिक मरीज त्वचा में जहरीला कीड़ा रेंगने के हैं, जिससे त्वचा झुलस जाती है। घाव जैसा हो जाता है। त्वचा पर फफोले से निकल आने से जलन के साथ दर्द भी होता है। हैलट की त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. ममता भूरा का कहना है ओपीडी में 40 फीसद मरीज बीटल इंफेक्शन के हैं। एक विशेष प्रकार का जहरीला कीड़ा जिसे बीटल कहते हैं, त्वचा पर रेंग जाता है। खासकर आंख, नाक, गला, गर्दन एवं हाथ-पैर पर इसका ज्यादा असर होता है। इसके विशेष प्रकार के रसायन छोड़ने से त्वचा झुलस कर लाल हो जाती है। इससे रोगी को अत्याधिक दर्द एवं जलन होती है। इसका पस शरीर के दूसरे हिस्से में लगने से इंफेक्शन हो जाता है। उनका कहना बीटल रात में रोशनी के प्रति आकर्षित होता है, इसलिए खिड़की दरवाजे बंद रखें।
ऐसे बरतें एहतियात
- रात को खिड़की बंद करके सोएं।
- खुले आसमान के नीचे न सोएं।
- शरीर अच्छी तरह ढक कर रखें।
- मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
- खिड़की में जाली लगवाएं।
कीड़ा रेंगने पर क्या करें
- जलन होने पर पानी में फिटकिरी डालकर अच्छी तरह धो लें।
- भूलकर भी खुजली न करें, इससे घाव गहरा जा जाएगा।
-स्टेरायड युक्त एंटीबायटिक क्रीम लगाएं।
-एंटी एलर्जी दवा का इस्तेमाल करें।
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