Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एनसीसी के 'लश्कर' को खा रही 'जंग'

    By Edited By:
    Updated: Fri, 08 May 2015 06:54 PM (IST)

    शिवा अवस्थी, कानपुर सूबे में एनसीसी कैडेटों के प्रशिक्षण की बेहतरी के लिए तैनात किया गया 'लश्कर'

    शिवा अवस्थी, कानपुर

    सूबे में एनसीसी कैडेटों के प्रशिक्षण की बेहतरी के लिए तैनात किया गया 'लश्कर' दूसरे काम लिए जाने से 'जंग' खा रहा है। वहीं राज्य सरकार की अनदेखी से लिपिक, चालक समेत अन्य कर्मचारियों की भी हालत भी पतली है। इन्हें सुविधाएं तो मिल नहीं रहीं उल्टे उत्पीड़नात्मक रवैया भारी पड़ रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रदेश के इलाहाबाद, अलीगढ़, आगरा, बरेली, गोरखपुर, गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ, मेरठ व वाराणसी में एनसीसी प्रशिक्षण के लिए बने सेंटरों में राज्य सरकार की तरफ से सैन्य अफसरों की देखरेख में लिपिक, चालक व लश्कर की तैनाती है। कुछ वर्षो से कर्मचारियों की अनदेखी की वजह से हालत खराब है। इनसे तय काम के बजाय दूसरे काम लिए जा रहे हैं। नतीजतन कैडेटों के प्रशिक्षण की गति भी मंद पड़ गई है।

    ढाई लाख से ज्यादा को प्रशिक्षण

    प्रदेश के एक दर्जन प्रशिक्षण सेंटरों पर ढाई लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं एनसीसी में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन्हें देश सेवा व सेनाओं के विभिन्न अंगों में शामिल होने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कर्मचारियों को वेतन, भत्ते के तौर पर अर्से से इजाफे की उम्मीद भी धूमिल है।

    काम का बोझ ज्यादा

    एनसीसी में राज्य सरकार की तरफ से लिपिक, लश्कर व चालक वर्ग में करीब 3000 कर्मचारी हैं। धीरे-धीरे कर्मियों के सेवानिवृत होने से इनकी संख्या भी कम हो रही है। ऐसे में काम का भी बोझ ज्यादा है जबकि तय काम की बजाय बेगार तक करनी पड़ती है।

    शासन तक पहुंची गूंज

    कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर अब राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मोर्चा खोल दिया है। माध्यमिक शिक्षा मंत्री, प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा व एनसीसी निदेशालय लखनऊ में शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायत में कर्मचारियों की मौजूदा स्थितियों, कामकाज में बेपरवाही व उत्पीड़न संबंधी बिंदु उठाए गए हैं।

    कौन लश्कर, क्या काम

    -एनसीसी में तैनात यह कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी के होते हैं

    -रायफल व हथियारों की सफाई और रखरखाव

    -एनसीसी कैडेटों के कपड़ों के स्टोर का रखरखाव

    -हथियारों के प्रशिक्षण के दौरान कैडेटों का सहयोग

    -शिविरों के दौरान सामान ले जाना और वापस लाना

    शिकायत में ये लगाए आरोप

    -चतुर्थ श्रेणी लश्कर से घरेलू व व्यक्तिगत कार्य करवाना

    -अक्सर बेपरवाही का आरोप लगाते हुए वेतन की कटौती

    -लिपिकों से कैंटीन व मेस का लेखा संबंधी कार्य पर सुविधा नहीं

    -चालकों को समय से घर जाने की अनुमति न मिलने से दिक्कत

    ----------------

    एनसीसी सेंटरों पर तैनात कर्मियों की सहूलियतों का ख्याल रखा जा रहा है। कर्मचारियों से निर्धारित काम ही लिए जाते हैं। मानीट¨रग भी होती है। कोई दिक्कत है तो जांच कराकर निराकरण होगा।

    -एसएस मामक, अपर महानिदेशक एनसीसी निदेशालय

    -----------

    एनसीसी कर्मियों की अनदेखी व उत्पीड़न की शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई है। जांच का आश्वासन मिला है। जल्द ही समस्याएं दूर न हुई तो आंदोलन होगा।

    -भूपेश अवस्थी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उप्र

    comedy show banner
    comedy show banner