छात्रवृत्ति को लेकर छात्रों ने विश्वविद्यालय में लगाया जाम, तीखी झड़प
कानपुर, जागरण संवाददाता : शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति को लेकर छात्र अब आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं। शनिवार को सैकड़ों छात्रों ने छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में जबरदस्त प्रदर्शन कर विरोध जताया। बीटेक, फार्मेसी व बीसीए समेत अन्य कोर्स की पढ़ाई कर रहे यह प्रदर्शनकारी छात्र विवि परिसर में रास्ता रोककर कुलपति कार्यालय के बाहर बैठ गए। दो घंटे तक उन्होंने कोई भी वाहन वहां से गुजरने नहीं दिया। इस दौरान वाहन चालकों के साथ उनकी तीखी झड़पें भी हुई।
अपने हक को लेकर विश्वविद्यालय से शासन तक आला अधिकारियों को पत्र लिखकर थक चुके छात्र सुबह दस बजे कुलपति कार्यालय के सामने इकट्ठा हुए। वहां से कोई ठोस जवाब न मिलने के कारण शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति के लिए चक्कर लगा चुके इन छात्रों ने नारेबाजी शुरू कर दी। देखते ही देखते सैकड़ों छात्र इकट्ठा हो गए। उन्होंने बाइक लगाकर सड़क जाम कर दी। प्रोफेसर, कर्मचारी व छात्र किसी की गाड़ियों को वहां से गुजरने नहीं दिया। विवि प्रशासन ने पुलिस बुला ली। पुलिस के आने के बाद भी छात्र धरने पर डटे रहे। पुलिस के साथ जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भी उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वह वहां से नहीं हिले। इस पर विवि प्रशासन ने प्रमुख सचिव से उनकी मांगों को लेकर मिलने का आश्वासन दिया। उसके बाद शाम को मामला शांत हो सका। बीटेक, बीसीए व फार्मेसी समेत अन्य कोर्स की पढ़ाई करने वाले छात्र पिछले दो दिन से लगातार समाज कल्याण विभाग व विश्वविद्यालय प्रशासन के पास चक्कर लगा रहे थे।
नियमित व स्ववित्तपोषित के बीच लटका छात्रों का पैसा :
2011 में विश्वविद्यालय परिसर के प्रोफेशनल कोर्स में प्रवेश लेने वाले छात्रों की शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति नियमित व स्ववित्तपोषित के बीच फंसी गई है। इसे लेकर पिछड़ी जाति के एक हजार से अधिक छात्रों से जो ऑनलाइन फॉर्म भराए गए हैं उनमें पाठ्यक्रम का प्रकार स्ववित्तपोषित भरवाया गया है। अपने हक को लेकर जब छात्र शासन व जिला प्रशासन के संबंधित अधिकारियों से मिले तो उन्होंने स्ववित्तपोषित कॉलेज का हवाला देकर उन्हें टरका दिया। वहीं छात्रों का कहना है कि विवि परिसर के अलावा जो शहर में व शहर से बाहर स्ववित्तपोषित कॉलेज चल रहे हैं, उनमें शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति का पैसा आ चुका है। उन्हें इससे दूर क्यों रखा जा रहा है।
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