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ट्रिब्यूनल ने मांगा अस्पताली कचरे का हिसाब-किताब

By Edited By: Tue, 16 Jul 2013 01:58 AM (IST)
ट्रिब्यूनल ने मांगा अस्पताली कचरे का हिसाब-किताब

कानपुर, संवाददाता : अब ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जैव चिकित्सा अपशिष्ट (बायोमेडिकल वेस्ट) निस्तारण पर सख्त रुख अपनाया है। ट्रिब्यूनल ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अस्पताली कचरे, उसके निस्तारण व संयंत्रों के बारे में जानकारी मांगी है।

शहर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में पंजीकृत 305 सरकारी अस्पताल, नर्सिगहोम और पैथालॉजी लैब्स से रोजाना तीन हजार किग्रा अस्पताली कचरा निकलता है लेकिन निस्तारण सिर्फ 1500 किग्रा का ही हो रहा है। शहर में मेडिकल कचरे के निस्तारण को मेडिकल पाल्यूशन कंट्रोल कमेटी (एमपीसीसी) व बिलवर्ड नाम की दो संस्थाएं लगी हैं। एमपीसीसी का प्लांट तो फतेहपुर तक से कचरा मंगवा रहा है क्योंकि यहां के ज्यादातर अस्पताल कचरा दे ही नहीं रहे हैं। सबसे खराब रवैया हैलट का है जहां बालरोग, क्षय रोग, संक्रामक रोग व जच्चा-बच्चा अस्पताल के कचरे का निस्तारण इंसीनेटर में करने का दावा किया जाता है पर मनोरोग विभाग के बाहर पड़ा कूड़ा कलई खोल देता है। उर्सला व डफरिन के कर्मी भी मेडिकल कचरे को सामान्य कूड़े के साथ फेंक देते हैं। यही स्थिति क्लीनिक, पैथालॉजी लैब्स व छोटे नर्सिगहोम की है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकलन के मुताबिक बमुश्किल 1500 किग्रा ही निस्तारण के लिए जा रहा है। बाकी जलाया जा रहा है या फिर घरेलू कचरे के साथ फेंका जा रहा है। क्षेत्रीय अधिकारी तंजाउल्ला खान ने पिछले दिनों इन संयंत्रों का निरीक्षण किया था, इसमें लापरवाही मिलने पर नोटिस भी जारी की थी। अब इनका पूरा ब्योरा ग्रीन ट्रिब्यूनल दिल्ली ने तलब किया है। श्री खान ने बताया कि लापरवाही बरतने वालों की सूची भी तलब की गई है। इसके बाद अभियोजन की कार्रवाई हो सकती है।

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ये हैं मानक

किस बैग में कौन सा कचरा

नीला-काला - ग्लूकोज की बोतल व अन्य कचरा।

लाल बैग -सीरिंज, वीगो, ग्लूकोज बोतल,

पीला बैग -आपरेशन थियेटर का कचरा, कटे अंग, ड्रेसिंग के बाद निकला कचरा।

ऐसे हो निस्तारण

-कचरे के निस्तारण को इंसीनेटर के पहले चेंबर में 750 डिग्री जबकि दूसरे में 1050 डिग्री तापमान रखा जाता है।

-आटोक्लेव करने में 15 पाउंड प्रेशर से स्टरलाइज करना चाहिए।

-इसके बाद निकले कचरे को पॉलीथिन में लपेटने के बाद जमीन में दबाना चाहिए। उसके ऊपर पौधरोपण कराया जाना चाहिए।

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