UP News: गेमिंग एप ठगी के सरगना इंजीनियर समेत दो गिरफ्तार, 2.36 करोड़ रुपये का हो रहा था लेनदेन
कन्नौज पुलिस ने यू गेमिंग एप ठगी के मुख्य सरगना सॉफ्टवेयर इंजीनियर आयुष शुक्ला और उसके साथी मनमोहन को गोंडा से गिरफ्तार किया है। जाँच में हाफिज अली का नाम भी सामने आया है जिसने रिश्तेदार के नाम पर खाता खुलवाकर 2.36 करोड़ का लेनदेन किया। पुलिस ने हाफिज अली की गिरफ्तारी के लिए दबिश तेज कर दी है।
जागरण संवाददाता, कन्नौज। फर्जी गेमिंग एप ठगी में फरार मुख्य सरगना साफ्टवेयर इंजीनियर आयुष शुक्ला को पुलिस ने गोंडा से गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह में शामिल अलीगढ़ निवासी मनमोहन को भी गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस की छानबीन में गोंडा के नवाबगंज इलाके में रहने वाले हाफिज अली का भी नाम सामने आया है। उसने अपने रिश्तेदार के नाम पर कॉरपोरेट खाता खुलवा रखा था। ठगी से होने वाली कमाई से उसने ईंट भट्ठे, करोड़ों के मकान और करीब 300 बीघा जमीन भी खरीद रखी है।
मौजूदा समय उसके पास करीब तीन अरब से अधिक की संपत्ति है। पुलिस ने अब उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश तेज कर दी है। जिस तरह से नाम सामने आ रहे हैं, उससे एक बात साफ हो रही है कि गिरोह काफी बड़ा था।
गिरोह में उद्योगपतियों के शामिल होने की बात अब तक स्पष्ट नहीं हो सकी है। सभी कॉरपोरेट खाते फर्जी कंपनियां खोलकर दूसरों के नाम पर खुलवाए गए थे।
फर्जी गेमिंग एप से ठगी करने वाले दस ठगों को सदर कोतवाली पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। गिरोह का मुख्य सरगना गोंडा निवासी साफ्टवेयर इंजीनियर आयुष शुक्ला, गोरखपुर निवासी शनि मौर्य और दिल्ली निवासी अर्जुन फरार चल रहे थे।
बुधवार को पुलिस ने गोंडा से आयुष को गिरफ्तार कर लिया। छानबीन में नाम सामने आने के बाद गिरोह में शामिल अलीगढ़ निवासी मनमोहन को भी गिरफ्तार किया है। वह एक युवती के नाम से अलीगढ़ में बैंक आफ इंडिया के कॉरपोरेट खाते से लेनदेन करता था।
शनिवार को गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद उसने 77 लाख का ट्रांजेक्शन दूसरे खाते में किया था। आयुष शुक्ला से पूछताछ के बाद गिरोह में गोंडा के नवाबगंज में रहने वाले हाफिज अली का नाम सामने आया।
उसने आर्थिक रूप से असहाय अपने रिश्तेदार अतीकुर्रहमान के नाम से यूनियन बैंक आफ इंडिया की गोंडा शाखा में कॉरपोरेट खाता खुलवा रखा था। खाते में हाफिज अली का मोबाइल नंबर दर्ज था। इस खाते से उसने ठगी किए गए 2.36 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।
एसपी विनोद कुमार ने बताया कि गिरोह का मुख्य आरोपित आयुष शुक्ला साफ्टवेयर इंजीनियर है। मूल रूप से वह गोंडा का रहने वाला है, लेकिन लखनऊ के महंगे होटलों में रहकर कर गिरोह संचालित करता था। फरार अन्य आरोपितों के साथ हाफिज अली की गिरफ्तारी के लिए दबिश तेज है। जल्द सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। अभी कई लोगों के नाम और निकलकर सामने आ सकते हैं।
अब तक 25 खातों से करीब 11 करोड़ का लेनदेन मिला
गिरोह फर्जी गेमिंग एप से आम लोगों से ठगी करता था। एप में बाजी लगाकर खेलने पर सिर्फ हार मिलती थी। एप से लिंक कॉरपोरेट बैंक खातों में ठगी की रकम जमा होती थी। अब पुलिस ने ठगों के 25 बैंक खातों को खंगाला है। इनमें से करीब 11 करोड़ की धनराशि का लेनदेन हुआ है।
गिरोह ने देश के अलावा कई विदेशों में भी ठगी का कारोबार फैला रखा था। अब तक 25 से खाते फ्रीज कराए जा चुके हैं। गिरोह में शामिल अन्य ठगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें संभावित स्थानों पर दबिश दे रही हैं।
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