कैंसर अस्पताल में प्राइवेट होगा इलाज, सरकारी होगा शुल्क
जों का इलाज करेगी लेकिन शुल्क सरकारी ही लगेगा।

कैंसर अस्पताल में प्राइवेट होगा इलाज, सरकारी होगा शुल्क
संवाद सहयोगी, तिर्वा : राजकीय मेडिकल कालेज में 220 बेड का कैंसर अस्पताल का भवन तैयार खड़ा है, लेकिन अभी तक शुरू नहीं हो सका। कारण, अस्पताल को शुरू करने के लिए शासन की मंजूरी नहीं मिली। मेडिकल कालेज प्रशासन ने फिर से अस्पताल को शुरू करने के लिए कवायद तेज कर दी। प्राइवेट संस्था मरीजों का इलाज करेगी, लेकिन शुल्क सरकारी ही लगेगा।
राजकीय मेडिकल कालेज में वर्ष 2017 में 220 बेड का कैंसर अस्पताल बनकर तैयार कर दिया गया था। शासन ने अस्पताल को शुरू करने के लिए मंजूरी नहीं दी। इससे अस्पताल में डाक्टरों की भर्ती, अस्पताल का स्टाफ, फर्नीचर, इलाज के लिए मशीनें नहीं लग सकी। गुरुवार को ग्वालियर की संस्था के कुछ लोगों ने आकर प्राचार्य डा. डीएस मार्तोलिया से बात की। संस्था को प्राइवेट तौर पर चलाने की बात कही। इसमें चिकित्सा शिक्षक मेडिकल कालेज के होंगे और भवन का किराया भी संस्था देगी। अनुबंध पर अस्पताल को चलाया जाएगा। इसके अलावा अस्पताल में आयुष्मान कार्ड के मरीजों को पूरा लाभ मिलेगा। असहाय लोगों को निश्शुल्क इलाज होगा। इसके लिए अनुबंध में शर्त रहेगी। सरकारी अस्पतालों में लगने वाला ही शुल्क मरीजों से लिया जाएगा। इससे अधिक एक रुपया भी नहीं लगेगा। प्राचार्य ने बताया कि अभी बात चल रही है। सिस्टम सिर्फ प्राइवेट होगा, लेकिन सरकारी शुल्क पर ही मरीजों को इलाज किया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। मंजूरी मिलने पर अनुबंध होगा।
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कैंसर अस्पताल के शिक्षक :
डा. राजेंद्र चौधरी, डा. सिद्धार्थ व डा. शैली श्रीवास्तव। इनकी तैनाती राजकीय मेडिकल कालेज में पूर्व से है।
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66 करोड़ का मांगा था बजट :
अस्पताल में कैंसर के मरीजों की कीमोथेेरेपी शुरू करने के लिए रेडियोथेरेपी की मशीन खरीदने को लेकर शासन से बजट मांगा गया था। 66 करोड़ से मशीनें लगनी है। हालांकि अभी तक बजट को मंजूरी नहीं मिल सकी है।
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