कक्षा छह के पाठ्यक्रम में तीन साल पुराने आंकड़े
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संवाद सहयोगी, तिर्वा (कन्नौज) : बुनियादी शिक्षा को मजबूत करने के लिए बच्चों को तीन साल पुराने आंकड़े नवीन पाठ्यक्रम में पढ़ाए जा रहे हैं। नवीन आंकड़ों को संशोधित नहीं किया गया। यह गलती शिक्षकों ने पकड़ ली। कक्षा छह की पुस्तक ''पृथ्वी और हमारा जीवन'' में बृहस्पति और शनि के उपग्रहों में अंतर है, जिसे बेसिक शिक्षा विभाग ने भी स्वीकार किया है। अब शिक्षकों को गू्गल से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर बच्चों को पढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राएं पढ़ाई तो वित्तीय वर्ष 2021-22 में करेंगे, लेकिन किताबों में प्रकाशित किए गए सौरमंडल के आंकड़े वर्ष 2018 के याद करेंगे। कक्षा छह की किताब पृथ्वी और हमारा जीवन में बड़ी कमी मिली है, जिसको लेकर बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मची है। स्कूलों में किताबों का वितरण शुरु कर दिया गया है, लेकिन इन किताबों में गलतियों पर किसी की नजर नहीं जा रही। कक्षा छह की ''पृथ्वी और हमारा जीवन'' किताब में पहला पाठ हमारा सौर मंडल का है। इसमें आकाशीय पिड, खगोलीय पिड, सौरमंडल, सूर्य, ग्रह, उपग्रह, पृथ्वी, चंद्रमा, उल्का पिड समेत पूरे ब्रह्मांड के बारे में जानकारी दी है। इसी पाठ में सौरमंडल के ग्रहों की तुलनात्मक तालिका भी दी गई। इसमें सौरमंडल के सभी ग्रहों के नाम दिए गए और उनके उपग्रह की संख्या भी दर्ज है। उपग्रह में बृहस्पति के 69 व शनि के 62 उपग्रह बताए गए। जबकि इस वक्त बृहस्पति के 79 व शनि के 82 उपग्रह हो गए हैं। यह आंकड़े वर्ष 2018 के हैं और किताब का प्रकाशन वर्ष 2021-22 का दिया है।
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उपग्रह बढ़ते और घटते हैं, लेकिन किताब में प्रकाशित आंकड़े तीन वर्ष पुराने हैं। इसके लिए शिक्षकों को जानकारी दी जाएगी और गूगल से अपडेट आंकड़े ही छात्रों को पढ़ाए जाएंगे।
अरविद कुशवाहा, खंड शिक्षा अधिकारी

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