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    कन्नौज में पुलिस को देख गिरफ्तारी के डर से नदी में कूदा किशोर, तलाश जारी

    Updated: Tue, 14 Oct 2025 06:59 AM (IST)

    कन्नौज के जलालाबाद में पुलिस से डरकर नदी में कूदे किशोर का दूसरे दिन भी पता नहीं चला। एसडीआरएफ ने पांच किलोमीटर तक नदी में खोज की, लेकिन सफलता नहीं मिली। समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरुण और डीआइजी हरीश चंदर ने पीड़ित परिवार से मिलकर घटना की जानकारी ली और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। परिवार का आरोप है कि पुलिस के धमकाने से किशोर नदी में डूबा।

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    जागरण संवाददाता, कन्नौज। पुलिस को देखकर गिरफ्तारी के डर से नदी में कूदे किशोर का दूसरे दिन भी सुराग नहीं लगा। इससे स्वजन का हाल बेहाल है। समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरुण और डीआइजी हरीश चंदर ने पीड़ित के घर पहुंच कर स्वजन से घटना की जानकारी की।

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    गुरसहायगंज काेतवाली के गांव देवीपुरवा निवासी किसान कमलेश का 2014 में निधन हो गया था। दो साल पहले कमलेश का बड़ा बेटा किशन पाल एक किशोरी को बहला-फुसला कर साथ ले गया था। इसके बाद से किशोरी और किशन पाल का कोई पता नहीं चल सका।

    अक्सर गुरसहायगंज पुलिस किशन पाल की तलाश में उसके घर और रिश्तेदारों के यहां दबिश देती थी। रविवार को भी पुलिस किशन पाल की तलाश में उसके गांव गई थी। इस दौरान उसका छोटा भाई धर्मवीर गिरफ्तारी के डर से काली नदी में कूद गया।

    घटना के बाद से धर्मवीर की मां अमरवती, दादी राम कुमारी, बहन किरन, दिव्यांग भाई धर्मपाल और रामजीत का हाल बेहाल है। दूसरे दिन सोमवार को एसडीआरएफ और स्थानीय गोताखोर धर्मवीर की तलाश में जुटे रहे। स्टीमर से एसडीआरएफ की टीम ने पांच किमी तहसीपुर तक काली नदी खंगाली, लेकिन सुराग नहीं मिला।

    समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरुण पीड़ित परिवार के घर पहुंचे और स्वजन से घटना के बारे में जानकारी की। इसके अलावा कानपुर परिक्षेत्र के डीआइजी हरीश चंदर ने भी घटना के बारे में जानकारी की। उन्होंने पीड़ित परिवार को धर्मवीर जल्द तलाशने का आश्वासन दिया है।

    ...बाहर निकल आ, नहीं तो गोली मार देंगे

    समाज कल्याण राज्यमंत्री से धर्मपाल ने कहा कि पुलिस आए दिन उन लोगों को परेशान करती थी। पुलिस के दौड़ने पर जब भाई धर्मवीर नदी में कूद गया, तो पुलिस वालों ने कहा था कि बाहर निकल आ, नहीं तो गोली मार देंगे। इससे धर्मवीर गोली मारने के डर से बाहर नहीं निकला और नदी में डूब गया। वहीं, प्रधान शारदा देवी ने पीड़ित परिवार को आवास, पेंशन समेत अन्य योजनाओं का लाभ देने का आश्वासन दिया है।

    अलग-अलग गांव के गोताखोर करेंगे तलाश

    डीआइजी हरीश चंदर ने पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार से कहा कि नदी के किनारे स्थित गांवों की सूची तैयार की जाए। जिन गांव में गोताखोर हैं, उनको सर्च आपरेशन में लगाया जाए। साथ ही नदी के दोनों किनारे अवश्य देखे जाएं। उन्होंने पीड़ित परिवार से भी बात की। कहा कि पुलिस परिवार की हर संभव मदद करेगी।

    मंत्री से बोला धर्मपाल, लालच में नहीं आएंगे

    धर्मवीर के दिव्यांग भाई धर्मपाल ने मंत्री असीम अरुण से कहा कि आप लालच देने आए हैं। हम लालच में नहीं आएंगे। दोनों पुलिस वालों को मेरे सामने लाया जाए। आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया। इस पर मंत्री ने कहा कि आप लोग परेशान न हों। सरकार द्वारा आप लोगों की पूरी मदद की जाएगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

    पुलिस कर्मियों ने नदी में कूदने की नहीं जुटाई हिम्मत

    घटना के दौरान मायानगर निवासी सत्यराम काली नदी में मछली पकड़ रहे थे। धर्मवीर जैसे ही नदी में कूदा, तो पुलिस कर्मियों ने उनसे नदी में कूदकर उसे बचाने की धमकी दी, लेकिन सांस के मरीज होने के कारण सत्यराम ने छलांग नहीं लगाई। सत्यराम का कहना है कि अगर पुलिस कर्मी नदी में कूदने की हिम्मत जुटाते, तो धर्मवीर को बाहर निकाला जा सकता था।

    क्रेन से हटवाया गया पीपल का पेड़

    घटना स्थल से करीब 400 मीटर दूर एक पीपल का एक पेड़ काफी समय पहले नदी में गिर गया था। उसे हटाने के लिए क्रेन आई थी। लोगों ने संभावना जताई थी कि लापता किशोर कहीं पेड़ में न फंस गया हो।