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    टीबी के रोगियों को मिलेगा दर्द से छुटकारा

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 14 Feb 2020 06:07 AM (IST)

    टीबी के मरीजों को अब हर माह 25 इंजेक्शन लगवाने से मुक्ति मिलेगी। अब इंजेक्शन की जगह रोगियों को कारगर दवाइयों से उपचार किया जाएगा। इंजेक्शन से होने वाले दर्द से परेशान होकर लोग इलाज बीच में ही छोड़ देते हैं जिससे सरकार का टीबी

    टीबी के रोगियों को मिलेगा दर्द से छुटकारा

    -हर माह 25 इंजेक्शन लगवाने से मिलेगी मुक्ति

    -वीडाकुलीन जैसी कारगर दवा से मिलेगा उपचार जागरण संवाददाता, कन्नौज: टीबी के मरीजों को अब हर माह 25 इंजेक्शन लगवाने से मुक्ति मिलेगी। अब इंजेक्शन की जगह रोगियों को कारगर दवाइयों से उपचार किया जाएगा। इंजेक्शन से होने वाले दर्द से परेशान होकर लोग इलाज बीच में ही छोड़ देते हैं, जिससे सरकार का टीबी उन्मूलन अभियान सफल नहीं हो पा रहा है।

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    गुरुवार को जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. जेजे राम ने बताया कि टीबी कोई आनुवंशिक बीमारी नहीं हैं। यह एक संक्रामक रोग है, पूरा इलाज कराकर इससे छुटकारा पाया जा सकता है। टीबी के मरीजों को हर माह 25 इंजेक्शन लगाए जाते थे। हर मरीज को यह उपचार छह से नौ माह तक लेना होता था। मस्कुलर इंजेक्शन होने के चलते यह काफी पीड़ादायक भी होता था, खासकर बच्चों को अधिक परेशानी होती है। अब सरकार ने इंजेक्शन फ्री उपचार शुरू करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत टीबी के इंजेक्शन फ्री उपचार की परिकल्पना की गई है। जिला कार्यक्रम समन्वयक रंजीत सिंह ने बताया कि जिले में लगभग 3,512 टीबी मरीजों का सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में इलाज चल रहा है। टीबी से ग्रसित सामान्य और एमडीआर श्रेणी के मरीजों को पांच तरह के इंजेक्शन दिए जाते हैं। सभी टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह उनके खाते में भेजा जाता है, ताकि मरीज दवाई के साथ साथ पौष्टिक आहार भी ले सके। जिले में जनवरी 2019 से दिसम्बर 2019 तक 1,813 टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना का लाभ मिल चुका है। वीडाकुलीन एक ऐसी दवा है, जिससे कम समय में टीबी ठीक हो जाती है।