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    Kannauj News: सौतेले बेटे की हत्या में पिता को उम्रकैद, मर्डर कर पत्नी और मां के साथ फरार हुआ था हत्यारोपी

    Updated: Fri, 16 May 2025 04:50 PM (IST)

    कन्नौज में सौतेले बेटे की गला दबाकर हत्या करने वाले पिता को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त पर अर्थदंड भी लगाया गया है। अनिल बाल्मीकि ने 2021 में आठ वर्षीय अंशू की हत्या कर दी थी। पुलिस जांच में पता चला कि अनिल ने रंजिश के चलते बच्चे को मारा और ग्रामीणों को फंसाना चाहता था।

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    सौतेले बेटे की हत्या में पिता को आजीवन कारावास

    जागरण संवाददाता, कन्नौज। सौतेले बेटे की गला दबाकर हत्या को अंजाम देने वाले पिता को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने अभियुक्त पर अर्थदंड भी लगाया है। फैसले के बाद कोर्ट से उसे जेल भेज दिया गया है।

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    तालग्राम थाना क्षेत्र के रोहली गांव निवासी अनिल बाल्मीकि का आठ वर्षीय सौतेला बेटा अंशू छह दिसंबर 2021 की रात घर के बाहर झोपड़ी में दादी सरस्वती के साथ सोते समय लापता हो गया था। दूसरे दिन शाम करीब चार बजे गांव के रंजीत यादव के खेत में डेंचा के गट्ठर के पास अंशू का शव मिला था।

    पुलिस ने मां संतरानी की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ बेटे अंशू की हत्या करने की रिपोर्ट दर्ज की थी। पुलिस की पूछताछ करने पर अनिल ने बताया था कि 2013 में उसका भाई पप्पू लापता हो गया था। गांव के चार लोगों के खिलाफ उसने हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

    इससे इन चार लोगों पर बेटे की हत्या करने का आरोप लगाया था। छानबीन करने पर तत्कालीन थाना प्रभारी कमल भाटी को शक हुआ कि अनिल ने ही अंशू की गला दबाकर हत्या की है। इससे पुलिस के दबोचने से पूर्व अनिल जमीन बेच कर पत्नी संतरानी और मां सरस्वती के साथ फरार हो गया था।

    अनिल को कब किया गया गिरफ्तार? 

    अप्रैल 2022 में पुलिस ने अनिल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश लोकेश वरुण ने मामले की सुनवाई की। साक्ष्यों के आधार पर अनिल को आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।

    शासकीय अधिवक्ता कमलेश कुमार मौर्या ने बताया कि अनिल की पहली शादी जनपद फर्रुखाबाद के थाना जहानगंज के अंतर्गत ग्राम पंजूखिरिया निवासी रीता से हुई थी। 2019 में तीन बच्चों के साथ वह मायके चली गई। 2020 अनिल ने जनपद हमीरपुर के थाना मौदहा अंतर्गत ग्राम उमरौदा निवासी संतरानी से दूसरी शादी की थी।

    संतरानी के साथ अंशू भी साथ आया था। अंशू के सौतेले होने के कारण अनिल उससे नफरत करता था। रंजिश में चार ग्रामीणों को फंसाने के लिए उसने अंशू की हत्या को अंजाम दिया था। अर्थदंड अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

    नशेबाजी की लत में तबाह कर दिया खुद का खुशहाल परिवार

    रोहली निवासी अनिल कुमार संपन्न था। वह पड़ोस के गांव बिरौली स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय माडल कालेज में चतुर्थ श्रेणी पद पर तैनात था। अक्सर शराब पीकर स्टाफ से झगड़ा करता था। इससे उसे नौकरी से निकाल दिया गया था।

    इसके बाद जमीन बेचकर वह शराब पीने लगा और पहली पत्नी रीता से मारपीट करने लगा था। इससे तंग आकर रीता भी अपने मायके चली गई थी। इसके बाद दूसरी शादी की, तो पत्नी के साथ आए बालक की हत्या कर दी। मौजूदा समय दूसरी पत्नी संतरानी और उसकी मां सरस्वती का कोई पता नहीं है।