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Lok Sabha Elections 2024: कन्नौज सीट पर सपा ने नहीं खोले पत्ते, अखिलेश या लालू के दामाद... कौन होगा प्रत्याशी?

Lok Sabha Elections 2024 मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी में कन्नौज लोकसभा सीट के प्रत्याशी को लेकर असमंजस खत्म नहीं हो रहा है। कन्नौज पर फिर से कब्जा जमाने के लिए अखिलेश यादव ने पूरे पांच वर्ष मेहनत की है। उन्होंने कई मौकों पर कन्नौज से ही चुनाव लड़ने के संकेत भी दिए। सपा मुखिया ने आजमगढ़ में भी स्थानीय समीकरण ठीक किए।

By Jagran News Edited By: Swati Singh Published: Fri, 29 Mar 2024 07:30 PM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2024 07:30 PM (IST)
कन्नौज सीट पर सपा ने नहीं खोले पत्ते, अखिलेश या लालू के दामाद

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन हो चुके हैं व दूसरे चरण की चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ होने के बाद भी मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी में कन्नौज लोकसभा सीट के प्रत्याशी को लेकर असमंजस खत्म नहीं हो रहा है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कन्नौज को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। यहां चुनाव चौथे चरण में होना है। कन्नौज क्षेत्र पहले फर्रुखाबाद लोकसभा सीट का हिस्सा हुआ करता था।

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कन्नौज लोकसभा सीट के लिए पहली बार 1967 में चुनाव हुआ और यहां से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के डा. राम मनोहर लोहिया पहले सांसद बने। सीट 1998 से 2014 तक लगातार समाजवादी पार्टी के पास रही है। अखिलेश यादव खुद यहां से तीन बार सांसद रह चुके हैं। उन्होंने यहां 2000, 2004 व 2009 का लोकसभा चुनाव जीता था।

मुलायम सिंह भी रहे हैं यहां से सांसद

इससे पहले 1999 में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव यहां से सांसद थे। 1998 में यहां सपा के प्रदीप यादव जीते थे। वर्ष 2012 में अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद कन्नौज लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी डिंपल यादव यहां निर्विरोध निर्वाचित हुईं थीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी डिंपल यहां से जीती थीं। वर्ष 2019 के चुनाव में डिंपल यादव भाजपा के सुब्रत पाठक से 12,353 मतों से चुनाव हार गईं थीं।

आजमगढ़ में अखिलेश ने साधा समीकरण

कन्नौज पर फिर से कब्जा जमाने के लिए अखिलेश यादव ने पूरे पांच वर्ष मेहनत की है। उन्होंने कई मौकों पर कन्नौज से ही चुनाव लड़ने के संकेत भी दिए। सपा मुखिया ने आजमगढ़ में भी स्थानीय समीकरण ठीक किए। ऐसा माना जा रहा था कि अखिलेश आजमगढ़ से भी चुनाव लड़ सकते हैं। अब आजमगढ़ में उन्होंने अपने भाई पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को टिकट दे दिया है।

अखिलेश या तेज प्रताप

उम्मीद की जा रही है कि अखिलेश कन्नौज से ही लड़ेंगे, किंतु उन्होंने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। अखिलेश के यहां से चुनाव न लड़ने पर उनके भतीजे व पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव के लड़ने की चर्चा है। तेज प्रताप सिंह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद भी हैं। वह 2014 में मैनपुरी लोकसभा से सांसद रह चुके हैं। इनके अलावा दूसरा नाम बिधूना की विधायक रेखा वर्मा का चल रहा है। रेखा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धनीराम वर्मा की बहू हैं। कन्नौज की जिला इकाई व स्थानीय नेता यह चाहते हैं कि यहां से अखिलेश यादव ही चुनाव लड़ें। इस पर अंतिम निर्णय सपा मुखिया ही करेंगे।

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