Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    कन्नौज में गरमाई सियासत, छह दलों के उम्मीदवारों ने ठोंकी ताल; जातीय समीकरण बिगड़ता देख दिग्गजों की उड़ी नींद

    Updated: Tue, 30 Apr 2024 02:51 PM (IST)

    चुनावी मैदान में आकर अन्य दलों के प्रत्याशी भी दिग्गजों को हराने का दम रखते हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में छह दलों के प्रत्याशियों ने सपा भाजपा और बसपा उम्मीदवारों के सामने ताल ठोंक दी है। इससे अब जातीय आधार पर यह यह छह उम्मीदवार दिग्गजों पर भारी पड़ते दिखाई दे रहे हैं। इससे अब गठजोड़ कर इन्हें पाले में लाने की कवायद तेज हो गई।

    Hero Image
    कन्नौज में गरमाई सियासत, छह दलों के उम्मीदवारों ने ठोंकी ताल; जातीय समीकरण बिगड़ता देख दिग्गजों की उड़ी नींद

    जागरण संवाददाता, कन्नौज। (Kannauj Lok Sabha Election 2024) चुनावी मैदान में आकर अन्य दलों के प्रत्याशी भी दिग्गजों को हराने का दम रखते हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में छह दलों के प्रत्याशियों ने सपा, भाजपा और बसपा उम्मीदवारों के सामने ताल ठोंक दी है। इससे अब जातीय आधार पर यह यह छह उम्मीदवार दिग्गजों पर भारी पड़ते दिखाई दे रहे हैं। इससे अब गठजोड़ कर इन्हें पाले में लाने की कवायद तेज हो गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लोकसभा चुनाव 2024 में सपा मुखिया अखिलेश यादव, भाजपा से सुब्रत पाठक और बसपा से इमरान बिन जफर मैदान में हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी से आलोक वर्मा, भारतीय कृषक दल से प्रमोद यादव, भारतीय किसान परिवर्तन पार्टी से शैलेंद्र कुमार, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी से सुनील कुमार, आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक से सुभाष दोहरे और राष्ट्रीय क्रांति पार्टी से ललित कुमारी ने भी मैदान में हैं।

    कयास लगाई जा रही थी कि इनमें से कुछ नाम वापस ले सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह प्रत्याशी पार्टी के कैडर वोट के अलावा खुद के बल पर भी खासे वोट पाएंगे। राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी से उम्मीदवार आलोक वर्मा पूर्व सांसद राम बक्स वर्मा के बेटे हैं।

    लोधी वोट पर राम बक्स वर्मा की अच्छी पकड़ मानी जाती है। इसके अलावा भारतीय कृषक दल से प्रमोद यादव भी लंबे समय से किसानों के बीच जा रहे हैं। यादव समाज में भी प्रभावशाली हैं। इसके अलावा सुभाष दोहरे भी करीब 15 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। ऐसे में अब सपा, भाजपा और बसपा प्रत्याशी इन उम्मीदवारों के प्रभाव और जातीय आंकड़ों को लेकर विचलित हैं। तीनों उम्मीदवार अब इन्हें अपने-अपने पक्ष में लाने की रणनीति में गठजोड़ कर रहे हैं।

    आधी आबादी से इकलौती दावेदारी

    कन्नौज लोकसभा में 1967 से शुरू हुए चुनाव में पहली बार 1984 में महिला प्रत्याशी शीला दीक्षित ने कांग्रेस से जीत हासिल की थी। इसके बाद वर्ष 2012 में हुए उपचुनाव में महिला प्रत्याशी डिंपल यादव निर्विरोध सांसद चुनी गई। इसके बाद 2014 में भी डिंपल यादव ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 2019 में डिंपल यादव को हार का सामना करना पड़ा। लोकसभा सीट पर कुल 16 बार हुए चुनाव में 11 महिला प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा। इस बार 2024 लोकसभा चुनाव में आधी आबादी से सिर्फ ललित कुमार राष्ट्रीय क्रांति पार्टी से मैदान में हैं।

    इसे भी पढ़ें: कन्नौज में अखिलेश की एंट्री से त्रिकोणीय हुआ मुकाबला, सुब्रत पाठक की पत्नी ने वापस लिया पर्चा; 15 प्रत्याशी मैदान में