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    मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से की पीडी की शिकायत

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 05 Dec 2021 07:40 PM (IST)

    - ग्राम्य विकास मिरिस्टीरीयल एसोसिएशन ने प्रांतीय स्तर पर लिया संज्ञान - अन्य कर्मचारियों ने भी मान

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    मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से की पीडी की शिकायत

    - ग्राम्य विकास मिरिस्टीरीयल एसोसिएशन ने प्रांतीय स्तर पर लिया संज्ञान

    - अन्य कर्मचारियों ने भी मानसिक उत्पीड़न का लगाया आरोप

    जागरण संवाददाता, कन्नौज : प्रधान सहायक के खुदकुशी मामले में ग्राम्य विकास मिनिस्टीरीयल एसोसिएशन ने प्रांतीय स्तर पर जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक पर कार्रवाई की शासन से मांग की है। एसोसिएशन के माध्यम से अन्य कर्मचारियों ने भी परियोजना निदेशक पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव गृह को पत्र भेजा है।

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    ग्राम विकास मिनिस्टीरीयल एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष शशिकांत श्रीवास्तव ने दर्शाया कि सदर ब्लाक में तैनात रहे प्रधान सहायक अशोक सविता को परियोजना निदेशक सुशील कुमार प्रताड़ित कर अभद्रता करते थे। तीन माह से बिना नोटिस वेतन रोक रखा था। दीपावली पर भी नहीं दिया था। इससे तनाव में आकर फंदा लगाकर जान दे दी थी। परियोजना निदेशक यह उत्पीड़न का आरोप लगा सुसाइड नोट लिखा था। विकास विभाग के अन्य कर्मचारी भी परियोजना निदेशक से प्रताड़ित हैं और मानसिक उत्पीड़न झेल रहे हैं। इससे सूबे के सभी जिलों व ब्लाकों के कर्मियों में आक्रोश है। सुशील कुमार को निलंबित कर फौरन गिरफ्तार किया जाए। आश्रितों को एक करोड़ रुपये सहायता राशि व एक सदस्य को नौकरी दी जाए। आशोक के सभी देयकों का 15 दिन में भुगतान किया जाए। मांगे पूरी न करने पर प्रदेशव्यापी संघर्ष करेंगे। शशिकांत ने बताया कि प्रांतीय स्तर से पीडी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, क्योंकि उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से मामला जिलेस्तर पर दब सकता है। संघ एकजुट, आज से तालाबंदी व धरना पीडी की गिरफ्तारी और निलंबन को लेकर उप्र राज्य कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष सतेंद्र मोहन शर्मा के आह्वान पर कई संघ एकजुट हो गए हैं। सोमवार से समर्थन में प्राथमिक शिक्षक संघ, कोषागार संघ, संयुक्त परिषद, स्टेट एसोसिएशन व ग्राम्य विकास समेत कई संघ ने ब्लाकों में तालाबंदी व विकास भवन में धरना का फैसला लिया है। संघ इसलिए भी एकजुट हैं कि विकास के साथ पंचायत, मनरेगा व अन्य विभागों के कर्मचारियों ने उत्पीड़न का आरोप लगाया है।