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    UP News: कन्नौज रेलवे स्टेशन पर बड़ा हादसा, अचानक गिरा निर्माणाधीन भवन का लेंटर, 25 मजदूर घायल

    Updated: Sun, 12 Jan 2025 02:03 AM (IST)

    शनिवार दोपहर को कन्नौज रेलवे स्टेशन की एक निर्माणाधीन छत का स्लैब गिरने से दो दर्जन से अधिक मजदूर फंस गए। ढहे मलबे में 20 से ज्यादा लोग दब गए जिनमें 25 लोगों के गंभीर चोटें आई हैं। हादसे में मामूली घायलों को 50 हजार और गंभीर घायलों को 2.5 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। रेलवे का बचाव कार्य पूरा हुआ।

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    कन्नौज रेलवे स्टेशन की निर्माणाधीन बिल्डिंग गिरने से 20 से ज्यादा मजदूर घायल (फोटो- पीटीआई)

     जागरण संवाददाता, कन्नौज। रेलवे स्टेशन पर बन रहे नए भवन का लेंटर कमजोर शटरिंग के कारण शनिवार दोपहर अचानक ढह गया। मलबे की चपेट में आने से 25 मजदूर घायल हो गए, जबकि अन्य ने भागकर जान बचाई। घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया। इनमें 11 की हालत गंभीर है।

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    कुछ अन्य के दबे होने की आशंका में रात 11:30 बजे तक एक ब्लॉक का मलबा हटाया जा चुका था, लेकिन कोई नहीं मिला। दूसरे ब्लॉक पर काम चल रहा था। आशंका यह भी जताई जा रही है कि मलबे में कोई न हो। रेलवे ने रात 12:30 बजे विज्ञप्ति जारी कर बचाव कार्य पूरा होने की बात कही है।

    सपा नेता के साले पर है ठेका

    काम का ठेका सपा सरकार में मंत्री रहे नारद राय के साले रामविलास राय की फर्म आशुतोष इंटरप्राइजेज को दिया गया था। घटना के बाद से उनका मोबाइल फोन नंबर बंद है। रेलवे ने जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी बना दी है। हादसे में मामूली घायलों को 50 हजार और गंभीर घायलों को 2.5 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे को दुखद बताया है और जांच के लिए कमेटी बनाने की जानकारी दी है।

    अमृत योजना के तहत रेलवे स्टेशन पर निर्माण हो रहा था

    अमृत योजना के तहत रेलवे स्टेशन पर निर्माण कार्य चल रहा है। इसमें 7.76 करोड़ से मुख्य भवन का निर्माण कराया जा रहा है। तीन दिनों से लगातार लेंटर की ढलाई हो रही थी। लिफ्ट मशीन से सीमेंट का मसाला ऊपर ले जाया गया, उसी दौरान शटरिंग में लगाई गईं बल्लियां चटकने लगीं और लेंटर का आधे से अधिक हिस्सा भरभराकर ढह गया। तेज धमाका व चीख पुकार सुनकर जीआरपी के सिपाही वहां पहुंचे।

    23 मजदूरों को निकालकर जिला अस्पताल भेजा गया

    नगर पालिका से बैकहो लोडर और हाइड्रा मशीन मंगाकर मलबा हटाने का काम शुरू किया गया। इस दौरान 23 मजदूरों को निकालकर जिला अस्पताल भेजा गया। घटना के तुरंत बाद समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण, डीएम शुभ्रान्त कुमार शुक्ल भी पहुंच गए। जिले की सभी एंबुलेंस व उन्नाव, हरदोई और फर्रुखाबाद से दमकल टीमें बुलाई गईं।

    संसाधन न होने के कारण दमकल टीमें मूकदर्शक ही बनी रहीं। शाम को 4:42 बजे उप्र एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की टीम गैस कटर लेकर पहुंची। इसके बाद लेंटर की सरियों का जाल काटा गया। करीब पांच बजे मंडलायुक्त के. विजयेन्द्र पांडियन और आइजी जोगेन्द्र कुमार, एसपी जीआरपी आगरा अभिषेक वर्मा भी पहुंच गए। देर शाम मंडल रेल प्रबंधक इज्जतनगर वीणा सिन्हा भी पहुंचीं। दो मजदूर बाद में घायल मिले।

    25 घायलों में से तीन की हालत गंभीर

    हालत नाजुक होने से एक को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) लखनऊ और 10 को तिर्वा राजकीय मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। डीएम ने बताया कि 25 घायलों में से तीन की हालत गंभीर, लेकिन खतरे से बाहर है। अन्य मजदूरों के दबे होने की आशंका में दूसरे ब्लॉक का मलबा भी हटाया जा रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि जांच टीम में मुख्य इंजीनियर प्लानिंग एंड डिजाइन, अपर मंडल रेल प्रबंधक इज्जतनगर, मुख्य सुरक्षा आयुक्त रेलवे सुरक्षा बल शामिल किए गए हैं।

    ये घायल

    बाहर निकाले गए घायलों में 21 कन्नौज के हैं। इसके अलावा ग्वालियर के आनंदनगर निवासी 62 वर्षीय राजकुमार गोयल, बलिया के 50 वर्षीय स्वामी नाथ और हरदोई के माधौगंज के फतेहपुरर्वा निवासी 45 वर्षीय महेश कुमार भी शामिल हैं। राजकुमार को मेडिकल कालेज रेफर किया गया है।

    बुलडोजर पर पथराव

    पुलिस ने बचाव कार्य के लिए बुलडोजर बुलवाया और सीधे घटनास्थल की ओर भेज दिया। वहां मौजूद लोगों ने कहा कि इस तरह तो नीचे दबे लोगों की मौत हो जाएगी। पुलिस नहीं मानी तो लोगों ने पथराव किया, जिससे बुलडोजर के शीशे टूट गए।