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    साहित्यकारों ने किया हिदी को यूएनओ की भाषा बनाने की मांग

    जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था प्रबोधिका के दूसरे वार्षिकोत्सव पर हि

    By JagranEdited By: Updated: Sat, 20 Feb 2021 11:27 PM (IST)
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    साहित्यकारों ने किया हिदी को यूएनओ की भाषा बनाने की मांग

    जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था प्रबोधिका के दूसरे वार्षिकोत्सव पर हिदी भाषा पर वक्ताओं ने विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि हिदी का समुचित विकास हो और हिदी संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा बने। इस दौरान वक्ताओं को सम्मानित भी किया गया।

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    दुर्गा नारायण महाविद्यालय फतेहगढ़ में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार कमलेश भट्ट कमल ने कहा कि विश्व में 50 करोड़ से अधिक लोग हिदी बोलते हैं। हिदी दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हमें प्रयास करना होगा कि हिदी का समुचित विकास हो और हिदी संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा बने। डॉ. जगदीश व्योम ने इंग्लैंड, कनाडा, श्रीलंका व अमेरिका आदि देशों में रह रहे प्रवासी हिदी साहित्यकारों के योगदान पर प्रकाश डाला। संस्था अध्यक्ष डॉ. राजकुमार सिंह ने कहा कि दक्षिण भारत के साहित्यकारों को यथोचित महत्व देना चाहिए। इस दौरान प्रबोधिका संस्था की पत्रिका के साथ ही 'बगावत कौन करता फिर' व 'नारी दर्शन पत्रिकाओं' का भी विमोचन किया गया। खंड काव्य के लेखक हरिओम प्रकाश द्विवेदी को प्रबोधिका रत्न सम्मान व कथाकार विजय दुबे को शीतल प्रसाद स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। इससे पहले अंजली सिंह, शिवानी चौहान, दामिनी, पल्लवी व शिवानी ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन संस्था सचिव जवाहर सिंह गंगवार ने किया। इस अवसर पर संरक्षक अनिल कुमार कटियार, संजीव यादव, नानकचंद्र, शुभाशीष, डॉ. श्यामलाल निर्मोही व डॉ. रामबाबू मिश्र आदि मौजूद रहे।

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