UP News: समय से काम नहीं हुआ पूरा, इस जिले के डीएम ने कंपनी पर लगाया 40 करोड़ जुर्माना
कानपुर के जाजमऊ में 20 एमएलडी सीईटीपी परियोजना में देरी के कारण जिलाधिकारी ने वेटेक वबाग कंपनी पर 40 करोड़ का जुर्माना लगाया। 600 करोड़ की इस परियोजना का उद्देश्य गंगा को स्वच्छ बनाना है। कंपनी के अधिकारियों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई गई। रैमकी कंपनी द्वारा स्लज उठान न करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।

जागरण संवाददाता, कानपुर। जाजमऊ में निर्माणाधीन 20 एमएलडी सीईटीपी (कामन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) का काम समय सीमा और नेशनल मिशन क्लीन गंगा (एनएमसीजी) को दी गई टाइमलाइन के बावजूद पूरा न करने पर जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने वेटेक वबाग कंपनी पर 40 करोड़ का जुर्माना लगाते हुए वसूली के लिए कहा है।
यह परियोजना छह सौ करोड़ रुपये की है। बैठक में वेटेक वबाग कंपनी के सीईओ शैलेश कुमार और प्रोजेक्ट मैनेजर देवा आनंद के अनुपस्थित रहने पर और काम में लापरवाही पर नाराजगी जताई। जिलाधिकारी ने जाजमऊ टेनरी इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट एसोसिएशन (जेटेटा) के सचिव से इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है।
सरसैया घाट स्थित सभागार में बैठक में समीक्षा के दौरान पाया गया कि जोन एक में पिछले एक माह से 207 मीटर पाइपलाइन का कार्य लंबित है। समय सीमा में काम पूरा न करने पर जिलाधिकारी ने वेटेक वबाग कंपनी का दायित्व तय करने के निर्देश दिए। निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष कार्य की अत्यंत धीमी प्रगति को देखते हुए 40 करोड़ रुपये का जुर्माना तत्काल वसूलने के निर्देश दिए।
बैठक में यह तथ्य भी सामने आया कि रैमकी कंपनी द्वारा लगभग जून माह से स्लज का उठान नहीं किया जा रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने सचिव जेटेटा को निर्देश दिया कि कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। चेतावनी दी जाए कि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न हो।
जिलाधिकारी ने सचिव जेटेटा को निर्देशित किया कि सीईटीपी संचालन में आ रही सभी बाधाओं का विस्तृत विवरण तैयार कर नमामि गंगे परियोजना कार्यालय को पत्र के माध्यम से तत्काल प्रेषित किया जाए, ताकि त्वरित समाधान सुनिश्चित हो सके।
इस प्रोजेक्ट की मूल समय सीमा 31 अक्टूबर 2024 निर्धारित थी। अक्टूबर 2024 तक मात्र 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ था जो अब तक 93 प्रतिशत ही हुआ है। बैठक में जेटेटा सचिव नादरी समेत अन्य लोग उपस्थित रहे। वहीं कंपनी के अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।
परियोजना पूरी होने पर यह होगा लाभ
इस परियोजना के पूर्ण हो जाने से जनपद को प्रदूषण-मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। इसका प्रमुख लाभ यह होगा कि वर्तमान में अन्य सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का 20 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) ट्रीटेड पानी, जो सिंचाई में उपयोग किया जा सकता है, उपलब्ध हो सकेगा।
साथ ही परियोजना पूर्ण होने पर जनपद में स्थापित होने वाले नए उद्योगों को भी सुविधा प्राप्त होगी। केंद्र सरकार द्वारा लगभग 600 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित की जा रही यह परियोजना क्षेत्र के औद्योगिक एवं पर्यावरणीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।