महिलाओं ने SHO को चप्पलों से पीटा, पुलिस ने भी चलाई लाठियां; कन्नौज में करंट से युवक की मौत पर बवाल
कन्नौज में नलकूप की केबल ठीक करते समय करंट लगने से युवक की मौत हो गई। मुआवजे की मांग को लेकर ग्रामीणों ने विद्युत उपकेंद्र के सामने शव रखकर जाम लगा दिया। पुलिस के हस्तक्षेप करने पर ग्रामीणों ने पथराव किया जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने 14 ग्रामीणों को हिरासत में लिया है। मृतक पूर्व में बिजली विभाग में लाइनमैन था।

जागरण संवाददाता, कन्नौज। निजी नलकूप की खराब केबल को ठीक कर रहा युवक करंट की चपेट में आकर झुलस गया। मेडिकल कालेज में युवक की मौत के बाद मुआवजे की मांग को लेकर ग्रामीणों ने विद्युत उपकेंद्र तिर्वा के सामने शव रखकर जाम लगा दिया। पुलिस कर्मियों ने जब शव उठाने का प्रयास किया, तो ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। देखते-देखते ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर पथराव कर दिया।
महिलाओं ने इंदरगढ़ थाना प्रभारी समेत कई महिला पुलिस कर्मियों की चप्पलों से पिटाई कर दी। पुलिस कर्मियों ने भी लाठियों से महिलाओं की पिटाई की। इस दौरान कई ग्रामीण और पुलिस कर्मी घायल भी हुए हैं। बवाल के बाद गांव पहुंचे ग्रामीण और स्वजन धान के खेत में युवक का शव फेंक कर फरार हो गए। पुलिस ने दूसरे दिन शव का पोस्टमार्टम कराया। दबिश देकर 14 ग्रामीणों को भी हिरासत में लिया गया है।
ठठिया थाना क्षेत्र के पुनगरा गांव निवासी 26 वर्षीय ब्रजेश राठौर पुत्र पहुंची लाल आउट सोर्सिंग पर बिजली विभाग में सहायक लाइनमैन के पद पर तैनात था। मार्च 2025 में शासन के आदेश पर ब्रजेश समेत अन्य कर्मचारियों को हटा दिया था। इसके बाद से वह निजी तौर पर लोगों की बिजली ठीक कर परिवार चलाता था।
15 अगस्त शुक्रवार की सुबह करीब नौ बजे पड़ोस के मुगरा गांव निवासी किसान मंगू लाल के नलकूप की खराब बिजली को पोल पर चढ़कर वह ठीक कर रहा था। इस दौरान करंट लगने से ब्रजेश झुलस गया। इससे स्वजन उसे मेडिकल कालेज लेकर पहुंचे। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद स्वजन और ग्रामीण ब्रजेश का शव लेकर तिर्वा कस्बा में बिजली उपकेंद्र के सामने पहुंचे और तिर्वा-कन्नौज मार्ग पर शव लेकर जाम लगा दिया। कई ग्रामीण भी ट्रैक्टर ट्राली लेकर एकत्र हो गए। ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और आश्रित पत्नी को नौकरी देने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
मामले की जानकारी मिलते ही तिर्वा सीओ प्रियंका बाजपेयी, ठठिया प्रभारी निरीक्षक जेपी शर्मा, इंदरगढ़ थानाध्यक्ष पारुल चौधरी पहुंच गई। एसडीएम राजेश कुमार और सीओ प्रियंका बाजपेयी ने ग्रामीणों को समझाते हुए शव को उठाने का प्रयास किया, तो पुलिस कर्मियों से ग्रामीणों की मारपीट शुरू कर हो गई।
पुलिस के लाठी चलाने पर भड़के ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान इंदरगढ़ थाना प्रभारी पारुल चौधरी समेत कई महिला पुलिस कर्मियों की ग्रामीण महिलाओं ने चप्पलों से पिटाई कर दी। सीओ प्रियंका बाजपेयी से हाथापाई की। ग्रामीणों ने सीओ प्रियंका बाजपेयी की बोलेरो, नर्सिंग होम की एंबुलेंस, शव वाहन समेत करीब 10 राहगीरों के वाहनों में तोड़फोड़ कर दी।
पुलिस कर्मियों ने भी इस दौरान लाठियों से महिलाओं की पिटाई की। कुछ सिपाहियों ने महिलाओं की गर्दन दबाकर भी पिटाई की। दोपहर करीब तीन बजे ग्रामीण शव लेकर गांव चले गए। डीएम आशुतोष मोहन अग्निहोत्री और एसपी विनोद कुमार ने पहुंच कर घटना की जानकारी की। उधर रात भर पुलिस गांव में ब्रजेश के शव को खोजती रही, लेकिन पता नहीं चला।
स्वजन गांव के बाहर अमर सिंह के धान के खेत में ब्रजेश का शव छोड़कर फरार हो गए। पुलिस ने दूसरे दिन शनिवार सुबह करीब सात बजे शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पुलिस की कार्रवाई से दहशत में आए ग्रामीणों ने पुनगरा गांव खाली कर दिया है। महिलाएं तक गांव में नहीं है।
एसपी ने पूरे गांव में पीएसी बल को तैनात कर दिया है। एसपी विनोद कुमार ने बताया कि ग्रामीणों के पथराव में करीब छह पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। अबतक 14 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है। जल्द मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं अधिशासी अभियंता मगन सिंह का कहना है कि ब्रजेश को मार्च में हटा दिया गया था। वह ग्रामीणों से रुपये लेकर चोरी-छिपे अवैध ढंग से बिजली ठीक करता था। वहीं मृतक के भाई सुभाष ने बताया कि करीब डेढ़ साल पूर्व ब्रजेश की रोशनी से शादी हुई थी। बिजली विभाग के लोग ही ब्रजेश खराब बिजली ठीक कराते थे। मुआवजे की मांग के दौरान पुलिस कर्मियों ने महिलाओं से मारपीट शुरू कर दी थी।

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