''क्विक कैप्चर'' एप से होगी पौधों की जीओ टैगिग
प्रशांत सक्सेना कन्नौज लाखों की संख्या में लगाए जाने वाले पौधारोपण अभियान में सरकारी विभागों ...और पढ़ें

प्रशांत सक्सेना, कन्नौज : लाखों की संख्या में लगाए जाने वाले पौधारोपण अभियान में सरकारी विभागों का फर्जीवाड़ा नहीं चलेगा। रोपे गए एक-एक पौधों की संख्या समेत पूरी लोकेशन वन विभाग के पास होगी। अभियान में पारदर्शिता लाने के लिए इस बार पौधों की जीओ टैगिग पहले से कई गुना हाईटेक होगी। जीओ टैग के लिए वन विभाग ने खासतौर पर ''क्विक कैप्चर'' एप बनाया है, जिस पर वन व अन्य विभाग क्षेत्रों में पौधा लगाने के बाद फोटो, रोपण स्थल व विभाग का नाम समेत पूरी लोकेशन अपलोड करेंगे। अभियान के एक माह बाद वन विभाग एप के माध्यम से लोकेशन ट्रेस कर पौधों का सत्यापन कर हकीकत परखेगा और शासन को रिपोर्ट करेगा। व्यवस्था आनलाइन होने पर लखनऊ स्थित मुख्यालय से भी मॉनीटरिग की जाएगी। कागजों में पूरा होता लक्ष्य
अभियान के तहत एक दिन में सभी विभाग मिलकर लाखों की संख्या में पौधे लगाकर अभिलेखों में दर्ज कराते हैं। कई विभाग तो लक्ष्य से अधिक पौधे लगाने का दावा करते हैं, जबकि हकीकत में नाम मात्र के पौधे लगाते हैं। अभियान के नाम पर फर्जीवाड़ा होता है, जिसे रोकने के लिए क्विक कैप्चर एप बनाया गया है। हर साल कई गुना मिलता लक्ष्य
पौधारोपण अभियान में हर वर्ष लाखों की तादाद में बढ़कर लक्ष्य मिलता है, लेकिन पारदर्शिता नहीं आती है। जिले में वर्ष 2019 में जिले में करीब 19 लाख पौधे लगाए गए थे। वर्ष 2020 में 25 लाख व अब 28.86 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है। पौधारोपण अभियान जुलाई की शुरुआत में होगा। शासन से कार्यक्रम की तिथी निर्धारित नहीं हुई है। फिरभी वन विभाग ने नर्सरी से पौधों का उठान करना शुरू कर दिया है। इन विभागों को ये पौधों का लक्ष्य
वन विभाग 12,00,000, ग्राम विकास 7,50,300, कृषि 1,43,800, राजस्व व पंचायतीराज 85,400-85,400, उद्यान 51900, नगर विकास 16200, पीडब्ल्यूडी 9,600, जलशक्ति 9,600, स्वास्थ्य विभाग 9,000, उच्च शिक्षा 16,700, रेशम 19,300, गृह 5,900, पशुपालन 4,700, उद्योग 8,000, सहकारिता 3,400, परिवहन 2,400, बेसिक 1,700, श्रम विभाग 2,400, माध्यमिक 1,700, ऊर्जा 4,500, आवास विकास 6,500, औद्योगिक विकास 4,000, प्राविधिक शिक्षा 4,400, रेलवे 15,600, रक्षा 70,00 व पर्यावरण विभाग 54500
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क्विक कैप्चर एप हाईटेक है, जो अभियान के दौरान सक्रिय हो जाएगा। एक-एक पौधों की जीओ टैगिग करनी होगी। इससे हकीकत परखी जाएगी। फर्जीवाड़ा रुकने से अभियान सफल होगा।
जेएल गुप्ता, प्रभागीय वन अधिकारी।

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