UP News: कन्नौज में फर्जी गेमिंग एप से जुड़े ठग का पर्दाफाश, नेपाल और पाकिस्तान तक फैला था नेटवर्क
कन्नौज पुलिस ने फर्जी गेमिंग एप से जुड़े हाफिज अली नामक एक ठग का पर्दाफाश किया है जिसका नेटवर्क नेपाल और पाकिस्तान तक फैला है। हाफिज अली पर सपा सरकार के दौरान अवैध बालू खनन के ठेके हथियाने और ठगी के कई आरोप हैं। एनजीटी ने उस पर 212 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
जागरण संवाददाता, कन्नौज/गोंडा। फर्जी गेमिंग एप से कमाई के लिए ठगों ने विदेश तक नेटवर्क फैला रखा था। सफेद बालू के काले धंधे का माफिया गोंडा का हाफिज अली रिश्तेदारों और करीबियों की मदद से नेपाल और पाकिस्तान में भी लोगों से ठगी कर रहा था।
पुलिस को उसके मोबाइल नंबर की पड़ताल के दौरान यह जानकारी मिली है। सपा सरकार के दौरान हाफिज अली ने रसूख के बल पर बालू के ठेके हथियाए। उस पर गोंडा में बालू का ठेका दिलाने व भागीदारी के नाम पर ठगी के कई मामले दर्ज हैं।
हालांकि, हाई कोर्ट से उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगी है। अवैध खनन में एनजीटी ने हाफिज समेत 37 लोगों पर 212 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
उसका राजनीति में भी काफी दखल था, लेकिन भाजपा सरकार बनने के बाद वह हाशिए पर चला गया। ग्राम पंचायत चौबेपुर व कल्याणपुर में प्रधान उनके स्वजन व समर्थक हैं। कन्नौज पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
कन्नौज की कोतवाली पुलिस ने पिछले शनिवार को फर्जी गेमिंग एप से ठगी करने वाले दस लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बुधवार को पुलिस ने गिरोह के सरगना साफ्टवेयर इंजीनियर आयुष शुक्ला को पकड़ा तो गोंडा के नवाबगंज क्षेत्र के कल्याणपुर स्थित चकरसूल गांव निवासी हाफिज अली का नाम सामने आया।
जानकारी यह भी मिली थी कि ठगी की रकम से उसने करीब तीन अरब रुपये से अधिक की संपत्ति बनाई। हाफिज अली ने आर्थिक रूप से कमजोर अपने एक रिश्तेदार अतीकुर्रहमान के नाम पर गोंडा में यूनियन बैंक आफ इंडिया में कारपोरेट खाता खुलवा रखा था।
इस खाते से उसने 2.36 करोड़ का लेनदेन भी किया था। पुलिस की जांच में नेपाल और पाकिस्तान तक फर्जी गेमिंग एप का नेटवर्क सामने आया है।
एसपी विनोद कुमार ने बताया कि हाफिज अली, गोरखपुर निवासी शनि मौर्य और दिल्ली निवासी अर्जुन की तलाश में नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली में पुलिस टीमें दबिश दे रही हैं।
उधर, गुरुवार को चकरसूल गांव में हाफिज अली के घर पर सन्नाटा पसरा रहा। भाई लियाकत अली ने बताया कि उनके भाई को निर्दोष होने के बावजूद फंसाया जा रहा है।
भाजपा सांसद ने की थी अवैध खनन की शिकायत
वर्ष 2018 में अवैध खनन के मामले में एनजीटी की ओर से आरोपित माफिया हाफिज अली समेत 37 लोगों पर 212 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। ये कार्रवाई भाजपा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह की शिकायत पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने की थी।
इसके बाद से खनन का मामला बड़े पैमाने पर चर्चा में आया। जिसमें कहा गया था कि गांव में 2011 से 2017 के बीच 23,88,229 घन मीटर अवैध बालू खनन किया गया।
इसकी वजह से 93 करोड़ चार लाख 54 हजार रुपये का राजस्व का नुकसान हुआ। एनजीटी से कार्रवाई के बाद आरोपितों ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली और वहां वसूली पर स्थगन हासिल कर लिया।
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