काऊ मिल्क प्लांट फिर हुआ शुरू, महज दूध की पैकिग
संवाद सहयोगी तिर्वा काउ मिल्क प्लांट पर 20 दिन बाद फिर से कामकाज शुरू कर दिया गया। फिल

संवाद सहयोगी, तिर्वा : काउ मिल्क प्लांट पर 20 दिन बाद फिर से कामकाज शुरू कर दिया गया। फिलहाल में दो हजार लीटर दूध आ रहा। इससे दूध के उत्पाद नहीं बन रहे, लेकिन दूध की पैकिग कराई जा रही है। प्लांट पर लगे दो बायलर खराब होने से प्लांट बंद हो गया था। जिसमे से एक ठीक होने पर प्लांट शुरू कर दिया गया है।
तहसील क्षेत्र के उमर्दा में बढ़नपुर बीरहार के पास सपा सरकार ने काउ मिल्क प्लांट स्थापित किया था। इसमें रोजाना एक लाख लीटर दूध की खपत करने की क्षमता है। दूध से घी, मक्खन, मट्ठा, दही, खीर, पनीर समेत अन्य उत्पादन तैयार होने थे। प्लांट कुछ दिन तक तो ठीक चला लेकिन धीरे-धीरे हालत बदतर हो गई थी। 13 फरवरी 2021 को प्लांट बंद कर दिया गया था। इस में काम करने वाले दैनिक वेतन के 60 कर्मचारियों को बाहर कर दिया गया था। प्लांट कर्मी के मुताबिक दूध को उबालने के लिए दो-दो टन क्षमता के दो बायलर लगे हैं। दोनों बायलर खराब हो गए थे। इससे प्लांट को बंद कर दिया गया था। इसके अलावा डेरियों से दूध आना कम हो गया था। महज दो से तीन हजार लीटर दूध आ रहा था। इससे प्लांट के खर्चे पूरे नहीं हो रहे थे। अब प्लांट पर एक बायलर दो टन क्षमता का ठीक करा दिया गया और काम शुरू कर दिया गया। कर्मचारियों को वापस बुलाकर दूध की पैकिग होने लगी है। हालांकि दूध की आवक नहीं बढ़ सकी। दो से तीन हजार लीटर रोजाना दूध आ रहा है। प्लांट के जनरल मैनेजर मोहन त्यागी ने बताया कि एक बायलर सही होने से काम शुरू कर दिया गया। कोशिश है, कि दूध की आवक बढ़ने से घी, मक्खन, मट्ठा, दही, खीर व पनीर समेत सभी उत्पादन शुरू कर दिए जाएंगे।
--------
किसानों को समय पर नहीं मिलता भुगतान
डेरियों पर दूध कम आने का मुख्य कारण किसानों को समय पर भुगतान न होना बताया जा रहा है। किसान संस्था से जुड़ी डेरियों पर दूध देने नहीं जा रहे। इससे डेरियों से दूध प्लांट तक नहीं आ पा रहा है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।